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BPSC प्री एग्जाम: पेपर लीक की अफवाह पर भड़के छात्र, पटना DM ने अभ्यर्थी को मारा थप्पड़

वीडियो में डीएम चंद्रशेखर सिंह पुलिस की सिक्योरिटी के बीच एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारते और प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा का क्वेश्चन पेपर लीक हो गया था. साथ ही ये भी आरोप लगाए कि एग्जाम के दौरान सेंटर पर मिसमैनेजमेंट किया गया. (फोटो- PTI)

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्री परीक्षा 13 दिसंबर को पूरे प्रदेश में आयोजित की गई. राज्य के 912 सेंटर्स पर एग्जाम हुआ. परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. इसी दौरान पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह एक कैंडिडेट की तरफ बढ़े और अचानक उसे थप्पड़ जड़ दिया (Patna DM slaps BPSC aspirant). थप्पड़ जड़ते हुए डीएम कैमरे पर कैद हो गए.

पेपर लीक के आरोप, डीएम ने थप्पड़ जड़ा

BPSC की परीक्षा राजधानी पटना के 60 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. प्रारंभिक परीक्षा खत्म होने के बाद से अभ्यर्थियों ने पटना के बापू धाम एग्जाम सेंटर पर हंगामा कर दिया. सेंटर पर परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली और पेपर लीक का गंभीर आरोप लगाया. इसी दौरान पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह सेंटर के बाहर पहुंचे.

समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में चंद्रशेखर सिंह पुलिस की सिक्योरिटी के बीच एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारते और प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा का क्वेश्चन ‘पेपर लीक’ हो गया था. साथ ही ये भी आरोप लगाए कि एग्जाम के दौरान सेंटर पर ‘मिसमैनेजमेंट’ किया गया और क्वेश्चन पेपर के वितरण में ‘देरी’ की गई. ANI  से बात करते हुए एक अभ्यर्थी ने बताया,

“आधे छात्रों को 15 मिनट तक OMR शीट या क्वेश्चन पेपर भी नहीं मिला था. कई छात्रों को क्वेश्चन पेपर एक घंटा देरी से मिला और उनसे 10 मिनट में ही वो छीन लिया गया. जिस सेंटर पर 200 छात्रों की क्षमता है, वहां केवल 175 क्वेश्चन पेपर ही क्यों लाए गए? हमें पता चला कि क्वेश्चन पेपर लीक हो गया है. टीचर हमें चुप रहने की धमकी दे रहे थे. BPSC की कोई भी परीक्षा ऐसी नहीं है जिसमें धांधली न हुई हो. क्वेश्चन पेपर के पैकेट की सील टूटी हुई थी. एक अभ्यर्थी की आंसर शीट टॉयलेट में मिली है.”

हालात बिगड़ते देख डीएम चंद्रशेखर भी पहुंचे. इंडिया टुडे से जुड़े शशि भूषण कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक डीएम ने बताया,

“एग्जाम सेंटर में एक हॉल के अंदर बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या और एक बॉक्स में आने वाले क्वेश्चन पेपर की संख्या के कारण थोड़ी भ्रम की स्थिति बनी. कुछ अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्ति जताई कि एक हॉल से दूसरे हॉल में क्वेश्चन पेपर क्यों भेजे जा रहे हैं. इस वजह से पेपर बांटने में भी देरी हुई.”

डीएम ने जानकारी दी कि जिन छात्रों को देरी से क्वेश्चन पेपर दिए गए उन्हें एक्स्ट्रा टाइम दिया गया था. डीएम ने कहा कि एक एग्जाम रूम में 273 अभ्यर्थियों का सीटिंग प्लान था, इस लिहाज से 288 क्वेश्चन पेपर आने चाहिए थे (12-12 के सेट में एनवलप होता है). लेकिन एक बॉक्स में केवल 192 क्वेश्चन पेपर ही आए. इसलिए एक हॉल में पेपर खोलने के बाद दूसरे हॉल से भी लाने पड़े और दूसरे हॉल में खोलने के बाद तीसरे से भी लाने पड़े.  

डीएम ने बताया कि इस दौरान जब क्वेश्चन पेपर का पैकेट एक हॉल से दूसरे हॉल ले जाया जा रहा था, उसी पर कुछ अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए. एग्जामिनर ने अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की, जिसमें 10-15 मिनट का समय लगा.

BPSC के अध्यक्ष ने लीक का खंडन किया

हालांकि, BPSC के अध्यक्ष रवि मनु भाई एस परमार ने पेपर लीक के आरोपों का खंडन किया और कहा कि परीक्षा के संबंध में कोई शिकायत सामने नहीं आई है. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि राज्य भर के 912 सेंटर्स में से किसी से एक भी शिकायत नहीं आई है. पटना के एक केंद्र पर कुछ छात्रों ने पैटर्न में बदलाव को लेकर सवाल उठाए थे, लेकिन उनके सवालों को भी दूर कर दिया गया.

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