महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक 13 साल पुरानी ‘गैरकानूनी’ चार मंज़िला इमारत का हिस्सा ढह जाने से 17 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में एक साल की बच्ची भी शामिल है जिसका उस दिन बर्थडे मनाया जा रहा था. हादसा 27 अगस्त रात करीब 12.05 बजे विजय नगर की रामाबाई अपार्टमेंट इमारत के पिछले हिस्से में हुआ. बताया गया कि ये इमारत 2012 में बनी थी और इसमें 50 फ्लैट थे. हादसे में 12 फ्लैट्स का एक हिस्सा गिर गया.
पालघर हादसा: मां-बाप ने बेटी का बर्थडे केक काटा, कुछ मिनट बाद ही बिल्डिंग गिर गई, कोई नहीं बचा
हादसे से कुछ ही मिनट पहले परिवार ने घर पर अपनी बच्ची के जन्मदिन का केक काटा था और तस्वीरें खिंचवाई थीं. कुछ ही देर बाद पूरी इमारत गिर गई. हादसे में पूरे परिवार की मौत हो गई. 25 साल के ओमकार जोविल, 24 साल की आरोही जोविल और उनकी एक साल की बेटी उत्कर्षा ने मलबे में दम तोड़ दिया.
.webp?width=360)

इंडिया टुडे की विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे से कुछ ही मिनट पहले जोविल परिवार ने घर पर अपनी बच्ची के जन्मदिन का केक काटा था और तस्वीरें खिंचवाई थीं. कुछ ही देर बाद पूरी इमारत गिर गई. हादसे में पूरे परिवार की मौत हो गई. 25 साल के ओमकार जोविल, 24 साल की आरोही जोविल और उनकी एक साल की बेटी उत्कर्षा ने मलबे में दम तोड़ दिया.
पालघर के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने कहा,
“दुर्भाग्य से आरोही और उत्कर्षा को मलबे से निकालने पर मृत पाया गया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी मलबे में फंसा न रह जाए, इसके लिए आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षित टीमें लगातार काम कर रही हैं.”
इमारत को वासई विरार नगर निगम (VVMC) ने अवैध बताया. हादसे के बाद VVMC ने बिल्डिंग के डेवलपर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.
NDRF और VVMC फायर विभाग की टीम पिछले 30 घंटे से ज्यादा लगातार राहत व बचाव कार्य कर रही हैं. शुरुआत में जगह बहुत तंग होने के कारण भारी मशीनें तुरंत नहीं लाई जा सकीं, इसलिए पहले चरण का बचाव हाथ से करना पड़ा. मलबा पास की एक झोपड़ी पर भी गिरा, हालांकि वह खाली थी.
सुरक्षा के लिए आसपास की इमारतों को खाली कराया गया है और बेघर हुए परिवारों को चंदनसार समाज मंदिर में रखा गया है, जहां नगर निगम उन्हें खाना, पानी और दवा जैसी मदद मुहैया करा रहा है.
वीडियो: कुल्लू में 26 सेकंड में 7 बड़ी इमारतें ढही, लोगों की जान कैसे बची?