अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पाकिस्तान पर फिर से मेहरबान हैं. नोबेल प्राइज के लिए सिफारिश क्या हुई, ट्रंप ने पाकिस्तान के लिए एक तरह से तिजोरी खोल दी है. इसी कड़ी में प्रेसिडेंट ट्रंप ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के बेड़े में मौजूद F-16 विमानों को 'मॉडर्न' बनाने के लिए 686 मिलियन डॉलर (लगभग 6200 करोड़) रुपये का पैकेज देने की घोषणा की है.
US से 686 मिलियन डॉलर का पैकेज आया तो उठा सवाल… कहीं ये पाकिस्तान के डाउन हुए F16 की वसूली तो नहीं
US जैसी महाशक्ति की अर्थव्यवस्था में Defence Companies की पकड़ बहुत मजबूत रहती है. Lockheed Martin का एक Aircraft Crash हो जाए तो उसका सीधा असर Stock Market में दिख जाता है. ऐसे हादसे न अमेरिका की Global Image के लिए ठीक हैं, न उसकी Future Defence Sales के लिए. इसी वजह से Pakistani F-16 Fighter Jets के गिरने वाले दावे को तुरंत खारिज कर दिया गया.


अमेरिका द्वारा जारी किए गए इस पैकेज में F-16 विमान को मॉडर्न बनाने से लेकर रखरखाव, ट्रेनिंग तक के लिए पैसे मिलेंगे. इसके तहत विमान में एवियॉनिक्स से लेकर हर उपकरण को अपग्रेड किया जाएगा ताकि पाकिस्तानी एयरफोर्स समय के साथ बनी रहे. इस डील के लिए 30 दिन का रिव्यू पीरियड शुरू हो गया है. चूंकि ये बात पड़ोसी से जुड़ी है, इसलिए भारत भी इस डेवलपमेंट पर करीब से नजर रख रहा है. इस प्रस्तावित सेल का मकसद पाकिस्तान के F-16 फ्लीट को मॉडर्न बनाना और ऑपरेशनल सेफ्टी की चिंताओं को दूर करना है. DSCA (Defence Security Cooperation Agency) द्वारा जारी लेटर के मुताबिक, F-16 बनाने वाली लॉकहीड मार्टिन कंपनी ही इस सेल के लिए मुख्य कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम करेगी.
अमेरिका द्वारा जारी पैकेज में मेजर डिफेंस इक्विपमेंट (MDE) कंपोनेंट में 92 लिंक-16 डेटा लिंक सिस्टम और छह इनर्ट Mk-82 500 पाउंड के जनरल-पर्पस बम बॉडी बिना एक्सप्लोसिव पेलोड के शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल वेपन इंटीग्रेशन टेस्टिंग के लिए किया जाएगा. साथ ही लिंक-16 नामक एक एडवांस्ड कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन और इंटेलिजेंस सिस्टम है. यह एक सिक्योर, रियल-टाइम कम्युनिकेशन नेटवर्क है जो एलाइड फोर्सेज के बीच टैक्टिकल डेटा शेयर करता है और इसका इस्तेमाल US और एलाइड NATO फोर्सेज करती हैं. यह सिस्टम दुश्मन के एयर और ग्राउंड एसेट्स से इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को झेल सकता है.
यह वॉरफाइटर को सभी सर्विसेज और एलाइड फोर्सेज के लिए सर्विलांस, आइडेंटिफिकेशन, एयर कंट्रोल, वेपंस एंगेजमेंट कोऑर्डिनेशन और डायरेक्शन जैसे जरूरी थिएटर फंक्शन भी देता है. कहा जाता है कि पाकिस्तान ने 2021 में खराब रिश्तों के बीच अपने F-16 फ्लीट में अपग्रेड की रिक्वेस्ट की थी, लेकिन वॉशिंगटन ने जवाब देने में देरी की. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद हालात बदले है. सवाल अमेरिकी डिफेंस प्रोडक्ट की साख का है जो अरबों डॉलर की डील को प्रभावित कर सकता है.
अमेरिका ने डील पर क्या कहा?अमेरिका की एक बात में सभी तारीफ करते हैं. वो ये कि वो अपने हितों को साधने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. अब पाकिस्तान से डील हुई है, तो उसे भारत का भी ख्याल है. 2022 में, भारत ने पाकिस्तान के साथ F-16 फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और स्पेयर पार्ट्स के लिए फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) के लिए U.S. के प्लान पर आपत्ति जताई थी. लिहाजा इस बार डील के साथ-साथ अमेरिका ने एक बयान जारी किया है. अमेरिका ने कहा,
प्रस्तावित सस्टेनमेंट डील पाकिस्तान की क्षमताओं में कोई बढ़ोतरी नहीं करती है और न ही क्षेत्रीय मिलिट्री बैलेंस को बदलती है. भारत एक बड़ा डिफेंस पार्टनर है और US स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप एक आजाद और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने, कानून के राज और इंसानी आजादी और सम्मान को बढ़ावा देने के हमारे साझा कमिटमेंट पर आधारित है.

दुनिया में हुई हर हथियार की डील अपने आप में अहम होती है. और अगर वो डील साउथ एशियाई देश में हो तो उस पर पूरी दुनिया की नजर रहती है. अब सवाल ये है कि F-16 तो वो फाइटर जेट है, जिसे लेकर पाकिस्तान खूब शेखी बघारता है. तो जब सब कुछ 'हंकी-डोरी' है तो अचानक इसे अपग्रेड करने की जरूरत क्यों पड़ी? IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक ये कोई रेगुलर मेंटेनेंस डील नहीं है. डिफेंस एक्सपर्ट्स के बीच ये चर्चा है कि मेंटेनेंस की आड़ में उन जेट्स की भरपाई की जा रही है जो ऑपरेशन सिंदूर में भारत द्वारा गिराए गए थे.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशंस, एयर मार्शल एके भारती से एक सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के कौन से जेट गिराए? उस समय एयर मार्शल भारती ने मुस्कुराते हुए कहा था कि जो भी जेट्स गिरे हैं वो 'हाईटेक' थे. तब अंदाजा लगाया गया कि ये पाकिस्तान के F-16 या JF-17 में से कोई जेट हो सकते हैं क्योंकि दोनों ही हाईटेक जेट्स हैं. लेकिन 3 अक्टूबर को एयर चीफ मार्शल ने इस सवाल का साफ-साफ जवाब दे दिया है. उन्होंने बताया कि पूरे संघर्ष के दौरान भारत ने कम से कम 8-10 पाकिस्तानी जेट मार गिराए थे.
F-16 मार गिराने की पुष्टि हुई थीएयर चीफ के अनुसार भारत ने हवाई युद्ध के दौरान 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स और एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट (संभवतः AWACS और C-130 एयरक्राफ्ट) को मार गिराया गया था. इसके अलावा 4-5 ऐसे जेट्स को तबाह किया गया जो उनके एयरबेस पर हैंगर में खड़े थे. ये अमेरिकन मेड F-16 फाइटर जेट्स थे जो मेंटेनेंस के दौरान एयरबेस पर खड़े थे. इसके अलावा भारत की सटीक स्ट्राइक्स ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम्स, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स, रनवे और हैंगर्स को भारी नुकसान पहुंचाया था. एयर चीफ के बयान के बाद ये तो तय था कि डाउन हुए विमानों में F-16 शामिल है. अमेरिका जैसे देश में रक्षा कंपनियां उसकी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं. उदाहरण के लिए अगर Lockheed Martin का विमान गिरा, तो उसके शेयर भी गिरेंगे. लिहाजा ये न तो अमेरिका की इमेज के लिए अच्छा है, न भविष्य में उसकी संभावित डिफेंस सेल के लिए. ऐसे में पाकिस्तानी जेट्स के गिरने की बात को नकारा गया. और अमेरिका ने इसे बैकडोर से सपोर्ट किया.
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जेट्स के अलावा, जमीन पर जिन ठिकानों को तबाह किया गया उनमें चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो रनवे, तीन हैंगर और एक जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल (SAM) सिस्टम शामिल है. एयर चीफ संभवतः 10 मई की बात कर रहे थे, जब भारत ने पाकिस्तान के 11 मिलिट्री एयरबेस को निशाना बनाया था. इसी के बाद पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सीजफायर के लिए कहा.
वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कितने F-16 गिरे? अमेरिका ने क्या जवाब दिया?




















