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प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करवाई, शव नाले में डाला, मौत का राज एक साल बाद खुला

हरियाणा के सोनीपत का ये मामला है. एक व्यक्ति साल भर से गायब था, फिर उसकी लाश मिली. लेकिन अब एक साल बाद ऐसा क्या हुआ कि लगभग बंद हो चुके केस में नई जान आ गई. और हरियाणा पुलिस ने मर्डर का केस खोल दिया?

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सोनिया और रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है. (तस्वीर: ANI/स्क्रीनशॉट)

दिल्ली पुलिस ने हत्या के एक मामले में एक महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या करवा दी. मृतक के शव को हरियाणा के सोनीपत में एक नाले में फेंक दिया गया था. आरोपियों की गिरफ्तारी एक साल बाद हुई है. हालांकि, विजय नाम का एक आरोपी अब भी फरार है.

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NDTV ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि आरोपी महिला की पहचान दिल्ली के अलीपुर की रहने वाली सोनिया के रूप में हुई है. उसका प्रेमी रोहित हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है. 

कैसे हुआ ये सब? सोनिया ने बताया

पुलिस के मुताबिक, 5 जुलाई 2024 को वो सोनीपत में अपनी बहन के घर पर थी. प्रीतम उसे अपने साथ ले जाने के लिए वहां पहुंचा, लेकिन किसी बात को लेकर उनकी बहस हो गई. इसके बाद प्रीतम वहां से अकेले ही वापस लौट गया. आरोप है कि उसी दिन सोनिया ने अपनी बहन के देवर विजय को अपने पति की हत्या के लिए 50,000 रुपये का ऑफर दिया.

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बाद में प्रीतम फिर से वहां पहुंचा और उसने सोनिया से उस घर में रहने देने की मिन्नते कीं. सोनिया ने उसे उस घर में रहने दिया. उस रात को महिला छत पर सो रही थी, आरोप है कि तभी विजय ने प्रीतम की हत्या कर दी और उसकी लाश को अगवानपुर के पास एक नाले में फेंक दी. विजय ने सोनिया को लाश का एक वीडियो भेजा, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया.

20 जुलाई 2025 को, सोनिया ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. उसने दावा किया गया कि उसका पति बाहर गया और फिर वापस नहीं लौटा. शुरुआत में इस मामले को एक सामान्य गुमशुदगी की रिपोर्ट माना गया. लेकिन कई हफ्तों तक पीड़ित न तो किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय नजर आया और न ही उसने कोई वित्तीय लेनदेन किया.

लगभग इसी समय में इसी इलाके से पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया. लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी. हालांकि, उसका पोस्टमार्टम कराया गया और उसके डीएनए सैंपल्स को सुरक्षित रखा गया. अब इसी डीएनए सैंपल से मामले की पुष्टि की जाएगी.

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लेकिन पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा कैसे?

लगभग एक साल बाद पुलिस को पता चला कि प्रीतम का मोबाइल नंबर फिर से एक्टिव हो गया है. पता चला फोन सोनीपत में सक्रिय है. इसके बाद पुलिस रोहित तक पहुंची. पुलिस ने बताया कि रोहित ने शुरुआत में गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में वो टूट गया और अपना अपराध कबूल कर लिया.

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) हर्ष इंदौरा ने बताया कि रोहित ने पुलिस से कहा कि वो सोनिया के साथ रिश्ते में था और दोनों ने प्रीतम की हत्या की साजिश रची थी. उसने कबूल किया कि सोनिया ने कथित तौर पर अपने पति की हत्या के लिए विजय को पैसे दिए थे. पुलिस ने बताया कि सोनिया ने बाद में प्रीतम का ऑटो रिक्शा 4.5 लाख रुपये में बेच दिया और उसका मोबाइल रोहित को दे दिया. 

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डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने बताया, ‘मृतक प्रीतम प्रकाश (सोनिया का पति) अलीपुर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था. उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं सहित 10 से ज्यादा मामले दर्ज थे. अदालत ने उसे भगोड़ा भी घोषित किया था.’

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