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‘मम्मी... फायर...’ जब बीवी-बच्चे के सामने आतंकियों ने बंगाल के बिटन की जान ले ली

Pahalgam Terror Attack: आतंकियों का शिकार बनें West Bengal के Bitan Adhikari की पत्नी सोहिनी ने हमले वाले दिन की कहानी बयां की है. वह बताती हैं कि गोलियों की आवाज़ सुनकर उनका बेटा कितना डर गया था. सोहिनी ने आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने और न्याय की मांग की.

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छुट्टियों के लिए पिछले महीने ही भारत आया था परिवार. (फोटो- इंडिया टुडे)
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सूर्याग्नि रॉय

पहलगाम आतंकी (Pahalgam Terror Attack) हमले में जान गंवाने वाले लोगों में बंगाल के 40 साल के बिटान अधिकारी (Bitan Adhikari West Bengal) भी शामिल थे. वह छुट्टियां मनाने पत्नी और बेटे के साथ कश्मीर गए थे. बुधवार, 23 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी पत्नी सोहिनी ने हमले वाले दिन की कहानी बयां की है. कहानी बताते हुए वह फूट पड़ीं और उनके आंसू रुक नहीं पाए. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले बिटान अधिकारी पेशे से इंजीनियर थे. वह अमेरिका में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में काम करते थे. वह पत्नी सोहिनी और तीन साल के बेटे हिरदान के साथ पिछले महीने ही गर्मियों की छुट्टियों के लिए भारत आए थे. तीनों ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले बेहद खूबसूरत बैसरन घास के मैदानों में छुट्टियां मना रहे थे.

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हमले वाले दिन आतंकियों ने बिटान को पत्नी सोहिनी और बेटे के सामने ही गोली मार दी थी. उस दिन के बारे में सोहिनी बताती हैं कि गोलियों की आवाज़ सुनकर उनका बेटा कितना डर गया था. बेटे ने कहा, “मम्मी…आवाज़…फायर.” 

सोहिनी ने धीरे-धीरे कहानी बयां की जैसी कि वो दिन उनकी आंखों के सामने आज भी घट रहा हो. वह कहती हैं,

हमें कुछ समझ में नहीं आया. हमने कुछ आवाज़ सुनी. मेरे पति ने कहा कि शायद पटाखे की आवाज़ है. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और भाग गए. मैंने पलटकर देखा कि एक व्यक्ति को गोली मारी गई है. कई लोग ज़मीन पर गिरे हुए हैं. हमने अपना सिर नीचे कर लिया.

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सोहिनी ने आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने और न्याय की मांग की. उन्होंने कहा,

आतंकवादियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा. उन्होंने कहा कि क्या यहां कोई हिंदू है? फिर उन्होंने लोगों को गोली मार दी. मुझे लगा कि मेरे पति बच जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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सोहिनी ने दावा किया कि हमले वाली जगह पर सुरक्षा व्यवस्था में कमी थी. वह बताती हैं,

हमले वाली जगह पर कोई पुलिस या सुरक्षाकर्मी नहीं था. आतंकियों ने एक व्यक्ति से पूछा, अंकल, आप हिंदू हैं या मुसलमान? फिर उन्होंने उस शख़्स को गोली मार दी. उन्होंने दूसरे से पूछा कि क्या वह कलमा पढ़ सकता है. जब वह नहीं पढ़ सका तो उसे भी गोली मार दी.  

उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों ने यह देखने के लिए लोग मर चुके हैं इसलिए शवों पर गोलियां चलाईं. पहलगाम हमला हाल के वर्षों में इस इलाके में सबसे घातक हमलों में से एक है. हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है.

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