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68 हस्तियों को मिले पद्म पुरस्कार, 3 तलाक खत्म करने वाले पूर्व जस्टिस को मिला पद्म विभूषण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूसरे फेज में 68 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है. गणतंत्र दिवस से पहले 2025 के लिए कुल 139 पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया था. इनमें से 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया. 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया गया.

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इस साल 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया गया. | फोटो: पीटीआई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार, 27 मई को राष्ट्रपति भवन में पद्म अवॉर्ड्स दिए. ये अवार्ड्स समारोह का दूसरा फेज था. इसमें 68 हस्तियों को सम्मानित किया गया. बिहार की दिवंगत लोक गायिका डॉ. शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. वहीं, राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहीं साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इससे पहले 28 अप्रैल को पहले चरण की अवॉर्ड सेरेमनी में 71 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. इनमें 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार दिए गए थे.

गणतंत्र दिवस से पहले 2025 के लिए कुल 139 पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया था. इनमें से 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया. 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया गया. इस बार पद्म पुरस्कार विजेताओं में 23 महिलाएं भी थीं.

दूसरे चरण में इन्हें मिले अवॉर्ड

पद्म श्री अवॉर्ड:-

अभिनेता अशोक लक्ष्मण सराफ, इम्यूनोलॉजिस्ट और केजीएमयू के कुलपति नित्यानंद, फुटबॉलर इनिवलप्पिल मणि विजयन, सिंगर अश्विनी भिडे देशपांडे, मुखौटा निर्माता रेबा कांता महंत और संगीतकार रिकी ज्ञान केज, व्यवसायी सज्जन भजनका, डॉ. नीरजा भटला, वैज्ञानिक अजय वी भट्ट, लेखक संत राम देसवाल, रंगमंच कलाकार और एक्टिंग ट्रेनर बैरी जॉन, पराई वादक वेलु आसन, स्प्रिचुअल लीडर आचार्य जोनास मेजेट्टी और फारूक अहमद मीर को सम्मान दिया गया.

पद्म भूषण:-

नृत्यांगना और अभिनेत्री शोभना चंद्रकुमार, व्यवसायी नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पुरातत्वविद् कैलाश नाथ दीक्षित, नर्तक जतिन गोस्वामी, अभिनेता अनंत नाग और साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण सम्मान दिया गया.

पद्म विभूषण:-

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर को देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला. भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. लेकिन उनकी पहचान इससे बहुत बड़ी है. उन्होंने 3 तलाक को असंवैधानिक करार देने, केरल लव जिहाद केस की जांच एनआईए को सौंपी और निजता को मौलिक अधिकार का दर्जा देने वाले पीठ में शामिल थे. दिवंगत कथक नृत्यांगना कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया, दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा, अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री-लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी को मरणोपरांत पद्म विभूषण समान दिया गया. यह सम्मान लाखिया के पोते और सिन्हा के बेटे ने लिया. जबकि देबरॉय की पत्नी और जोशी के बेटे ने उनका सम्मान ग्रहण किया.

साल 1954 वो साल था जब इन पुरस्कारों की शुरुआत हुई थी. तब से हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन अवार्ड्स की घोषणा जाती है. ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे क्षेत्रों में दिए जाते हैं. पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है. पद्म भूषण उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है.

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