विपक्षी गठबंधन INDIA ने उपराष्ट्रपति चुनाव में उतरने का फैसला किया है. INDIA गठबंधन का उम्मीदावर NDA के कैंडिडेट को चुनौती देगा. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष के पास चुनाव जीतने के लिए जरूरी संख्या नहीं है. उपराष्ट्रपति चुनाव में उतरने का फैसला चुनौती देने और मुकाबला करने के मकसद से लिया गया है.
उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में उतरा विपक्ष, INDIA गठबंधन बोला- लड़ाई विचारधारा की
Opposition VP Election: I.N.D.I.A. ब्लॉक के सभी नेता 14 महीने के बाद एक जगह इकट्ठा हुए. मीटिंग में तय हुआ कि I.N.D.I.A. गठबंधन NDA का उम्मीदवार तय होने का इंतजार करेगा. इसी के बाद ही अपना उम्मीदवार तय करेगा.

द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उपराष्ट्रपति चुनाव में उतरने का फैसला राहुल गांधी की ओर से आयोजित एक डिनर मीटिंग के बाद लिया गया. यह पहली बार था जब INDIA ब्लॉक के सभी नेता 14 महीने के बाद एक जगह इकट्ठा हुए. पिछली बैठक 1 जून 2024 को हुई थी. दरअसल यह बैठक बिहार में चल रहे SIR के मुद्दे को लेकर आयोजित की गई थी. लेकिन डिनर के बाद एक खास बैठक हुई जिसमें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर चर्चा की गई.

इस बैठक में कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ' ब्रायन, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सांसद कनिमोझी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता सुप्रिया सुले समेत कई प्रमुख नेता शामिल थे.
बैठक में शामिल एक सूत्र ने अखबार को बताया कि विपक्ष को बीजेपी का उम्मीदवार तय होने का इंतजार करना चाहिए. इसके बाद ही अपना उम्मीदवार तय करना चाहिए. एक नेता का कहना है कि विपक्ष की लड़ाई संविधान को बचाने की है, इसलिए विपक्ष का उम्मीदवार कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जो इस विचारधारा का प्रतीक हो, चाहे वह राजनेता हो या शिक्षाविद.

गौरतलब है कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया था. 1 अगस्त को चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों का एलान किया था. 9 सितंबर को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक वोट डाले जाएंगे. शाम तक देश का 17वां उपराष्ट्रपति चुन लिया जाएगा. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है. उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त है.
उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा में वोट डाले जाएंगे. दोनों सदनों के कुल 782 सदस्य नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे. उपराष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य चुनते हैं. इसमें नॉमिनेटेड सदस्य भी शामिल होते हैं. लेकिन राज्य की विधानसभाएं इसमें हिस्सा नहीं लेतीं. चुनाव संसद भवन में होता है. सीक्रेट बैलेट से वोट डाला जाता है.
वीडियो: धनखड़ से पहले किस उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर हुआ था विवाद