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'हमने पहलगाम का बदला ले लिया... ' भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की एक-एक जानकारी दी

India Launches Operation Sindoor: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि इस हमले में पाकिस्तान को नहीं बल्कि आतंकवाद के ठिकानों को मिसाइलों से नुकसान पहुंचाया गया है. भारतीय सेना की Colonel Sofia Qureshi और Wing Commander Vyomika Singh ने बताई Operation Sindoor की एक-एक डिटेल. कितने बजे हमला हुआ? कैसे हमला हुआ? और कहां-कहां हुआ? सब बताया गया है.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी (बाएं) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफ किया | फोटो: आजतक

भारतीय रक्षा मंत्रालय (MOD) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. और भारत की कार्रवाई को आतंकियों को रोकने और प्रतिरोध का अधिकार करार दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने इस हमले से आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर और बॉर्डर पार से आने वाले आतंकियों को अक्षम बनाने की कोशिश की है. भारतीय सेना की दो महिला अधिकारी और विदेश सचिव इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को ब्रीफ कर रहे हैं. विंग कमांडर व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए.

सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा- ‘पहलगाम हमले के षडयंत्रकारियों-अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था. वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं. पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली कि ये और हमले कर सकते हैं. ऐसे में इन्हें रोकना जरूरी था. हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने अधिकारों का उपयोग किया है.’

कैसे हुआ हमला?

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच ऑपरेशन हुआ. पहलगाम में मारे गए पर्यटकों के लिए ये ऑपरेशन हुआ. पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट पहचाने गए थे, और इन्हें इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने तबाह कर दिया. इस दौरान आतंकियों के लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए. उन्होंने ये भी बताया कि भारत की तरफ से कोई भी अटैक पाकिस्तानी आर्मी के ठिकानों पर नहीं किया गया है. सभी अटैक आतंकियों के ठिकानों पर ही हुए हैं. 

9 टारगेट में से 5 पीओके में और 4 पाकिस्तान में हैं.

# सवाई नाला शिविर: मुजफ्फराबाद, पीओके
# सैयदना बिलाल कैंप: मुजफ्फराबाद, पीओके
# गुलपुर कैंप: कोटली, पीओके
# बरनाला कैंप: भिम्बर, पीओके 
# अब्बास कैंप: कोटली, पीओके

पाकिस्तान के अंदर के टारगेट
# सरजल कैंप: सियालकोट पाकिस्तान
# महमूना जोया कैंप: सियालकोट पाकिस्तान
# मरकज़ तैय्यबा, मुरीदके पाकिस्तान 
# मरकज़ सुबहान-अल्लाह: बहावलपुर पाकिस्तान

क्यों चुने गए यही टारगेट?

प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय सेना की तरफ से बताया गया कि पीओके में सवाई नाला मुजफ्फराबाद में लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था. सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी. सैयदना बिलाल कैंप मुजफ्फराबाद में हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी. कोटली गुलपुर कैंप लश्कर का है. पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे. बरनाला कैंप भिम्बर में हथियार हैंडलिंग का काम किया जाता था. अब्बास कैंप कोटली एलओसी से 13 किमी दूर है. यहां फिदायीन तैयार होते हैं. 15 टेररिस्ट यहां ट्रेनिंग ले रहे थे.

कर्नल सोफिया ने प्रेस कांफ्रेंस में आगे बताया कि सरजल कैंप सियालकोट पर हमला हुआ. ये बॉर्डर से 6 किमी दूर है. मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार जवानों की हत्या की गई थी. उन आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी. महमूना जोया कैंप सियालकोट मुख्य सीमा से 12 से 18 किमी दूर है. ये हिजबुल का कैंप है. पठानकोट बेस कैंप पर यहीं ट्रेनिंग लेने के बाद हमला किया गया था. मरकज तैयबा मुरीदके में अजमल कसाब और डेविड हेडली की ट्रेनिंग हुई थी. मरकज सुबहान-अल्लाह कैंप पर अटैक हुआ, जैश ए-मोहम्मद का मेन हेडक्वार्टर यही था.

इससे पहले विदेश सचिव राजीव मिस्री ने कहा कि पहलगाम में कायरतापूर्ण हमला किया था, इसमें परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई. लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश सरकार तक पहुंचाएं. ये हमला जम्मू-कश्मीर की अच्छी स्थिति को प्रभावित करने के लिए किया गया था. पिछले साल सवा दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे. इस हमले का मकसद था कि राज्य के विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा बनाए रखा जाए.

पहलगाम में हुए हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और देश में सांप्रदायिक दंगे फैलाने से प्रेरित था. एक समूह ने खुद को TRF कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली है. इसे यूएन ने प्रतिबंधित किया है और यह लश्कर से जुड़ा हुआ संगठन है.

पाकिस्तान स्थित समूहों के लिए कवर के तौर पर TRF का इस्तेमाल किया गया. लश्कर जैसे संगठन TRF जैसे संगठन को इस्तेमाल कर रहे हैं. पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं. TRF के दावे और लश्कर की तरफ से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट इसे साबित करते हैं. हमलावरों की पहचान भी हुई है. इस हमले की रूपरेखा भारत में सीमापार आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान के प्लान के तहत बनाई गई थी. और पहलगाम हमले की जांच के दौरान पाकिस्तान के साथ हमला करने वाले आतंकियों के संपर्क पता लग गए हैं. पहलगाम हमले के पीछे का एक मकसद भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़काना भी था.

मिस्री आगे बोले- पहलगाम में हुए हमले से देश भर में आक्रोश है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए. क्योंकि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था. वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं. पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली थी कि और हमले कर सकते हैं. इन्हें रोकना जरूरी था.

इन्हें रोकने के लिए हमने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है. हमारे तरफ से किए गए हमले की कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारपूर्ण है. और ये आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों अक्षम बनाने पर केंद्रित है.

वीडियो: रोने लगी पाकिस्तान आर्मी, ऑपरेशन सिंदूर के बाद नुकसान पर क्या कहता दिखा?