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'Operation Sindoor' का लोगो इन दो सैनिकों ने डिजाइन किया था

6-7 मई की दरमियानी रात भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने पाकिस्तान और PoK के अंदर आतंक के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था. यह 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब था, जिसमें कई महिलाओं के सामने उनके पतियों को गोली मार दी गई थी.

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ऑपरेशन सिंदूर का लोगो सिर्फ 45 मिनट में तैयार किया गया था. (India Today)

काले बैकग्राउंड पर कैपिटल लेटर्स में लिखा- OPERATION SINDOOR. सिंदूर की स्पेलिंग में शामिल एक ‘O’ की जगह प्रतीकात्मक रूप से एक कटोरी में रखा है सिंदूर, जो कटोरी से बिखरकर आसपास फैल गया है. ये फैला हुआ सिंदूर प्रतीक है खून का. उन लोगों का खून जिन्हें पहलगाम आतंकी हमले में बेरहमी से मार दिया गया था. इसी के जवाब में सेना ने 6-7 मई की दरमियानी रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद एक तस्वीर के जरिए उसने 'न्याय' करने की सूचना दी थी. 

इसके बाद देखते ही देखते पूरा सोशल मीडिया इस एक फोटो से पट गया था. लोग इसके जरिए ‘ऑपरेशन सिंदूर ’की सराहना करते नहीं थक रहे थे. भारत ने इस ऑपरेशन से साफ कर दिया था कि अब आतंक के खिलाफ उसकी लड़ाई आरपार की होने वाली है. पहलगाम के हमले में आतंकवादियों ने कई महिलाओं के सुहाग उजाड़े थे. ऑपरेशन सिंदूर का लोगो बनाते वक्त सेना ने इस बात को ध्यान में रखा और सिंदूर को ही लोगो का सेंटर पॉइंट बनाया. इस रचनात्मक 'लोगो' ने लोगों को भावुक कर दिया था. 

‘SINDOOR’ के एक 'O' में कटोरी से बिखरता लाल सिंदूर पहलगाम की पीड़ित महिलाओं के सुहाग का भी प्रतीक था. बिखरे सिंदूर को ऐसे दिखाया गया था, जैसे वह लहू हो जो कश्मीर की बैसरन घाटी में आतंंकवादियों के रक्तरंजित कृत्यों की याद दिलाता है. 

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ऑपरेशन सिंदूर का लोगो.
किसने बनाया ये 'लोगो'

अब सेना ने ही बताया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के इस ‘लोगो’ को बनाया था भारतीय सेना के हेडक्वार्टर में तैनात दो सैनिकों ने. एक कर्नल हर्ष गुप्ता थे और दूसरे हवलदार सुरिंदर सिंह. 

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कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह.

रिपोर्ट्स में बताया गया कि इस ‘लोगो’ को बनाने में सिर्फ 45 मिनट लगे थे, लेकिन इसका प्रभाव ऐसा जबर्दस्त था कि इस दो शब्द के क्रिएटिव डिजाइन से पूरे ऑपरेशन की कहानी बयां हो जाती है.

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