कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ओला इलेक्ट्रिक के एक कर्मचारी ने कथित तौर पर अपनी जान दे दी. इस मामले में ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) भाविश अग्रवाल, सीनियर अधिकारी सुब्रत कुमार दास और ओला इलेक्ट्रिक कंपनी पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में FIR दर्ज हुई है.
ओला कर्मचारी ने जान दी, फिर खाते में आए साढ़े 17 लाख, CEO भाविश अग्रवाल पर FIR हो गई
पुलिस ने Ola कर्मचारी के कमरे की तलाशी ली, तो 28 पन्नों का सुसाइड नोट मिला. इस नोट में मृतक कर्मचारी ने CEO Bhavish Aggarwal और सीनियर अधिकारी सुब्रत कुमार दास पर गंभीर आरोप लगाए.


ये FIR सोमवार, 6 अक्टूबर को दर्ज की गई थी, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है. इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, के अरविंद ओला इलेक्ट्रिक में होमोलोगेशन इंजीनियर के पद पर थे. उन्होंने 28 सितंबर को अपनी जान दे दी. पहले पुलिस ने इसे अप्राकृतिक मौत (Unnatural Death Report) के रूप में दर्ज किया था. लेकिन जब अरविंद की मौत के दो दिन बाद उनके खाते में 17.46 लाख रुपये ट्रांसफर हुए, तो शक गहरा गया.
पुलिस ने जब कंपनी के HR (ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट) और अफसरों से पूछताछ की, तो उनके जवाब साफ नहीं थे. इससे परिवार का शक बढ़ता गया. इसके बाद पुलिस ने अरविंद के कमरे की तलाशी ली, जहां से 28 पन्नों का सुसाइड नोट मिला. इस नोट में अरविंद ने CEO भाविश अग्रवाल और सुब्रत कुमार दास पर मानसिक उत्पीड़न, ज्यादा काम का दबाव, सैलरी और बकाया ना मिलने के कारण जान देने की बात कही.
अरविंद के परिवार ने इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (सुसाइड के लिए उकसाने) के साथ 3(5) (एक ही इरादे से मिलकर किया गया अपराध) के तहत मामला सुब्रमण्यपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
ओला इलेक्ट्रिक ने इस घटना पर एक प्रवक्ता के जरिए दुख जताते हुए कहा,
"हम अपने सहयोगी अरविंद की मौत से बेहद दुखी हैं. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.”
ओला के प्रवक्ता ने आगे बताया,
"अरविंद पिछले साढ़े तीन साल से ओला इलेक्ट्रिक से जुड़े थे और बेंगलुरु स्थित हेडक्वार्टर में काम कर रहे थे. उन्होंने कभी भी अपने रोजगार या किसी उत्पीड़न को लेकर कोई शिकायत नहीं की थी. उनका कंपनी के टॉप मैनेजमेंट, जिसमें प्रमोटर भी शामिल हैं, से कोई सीधा संपर्क नहीं था."
ओला इलेक्ट्रिक ने कहा,
"हमने परिवार की तुरंत मदद के लिए उनकी फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की रकम उनके बैंक खाते में जमा कर दी थी."
कंपनी ने यह भी बताया कि उसने कर्नाटक हाई कोर्ट में FIR को चुनौती दी है. अदालत ने कंपनी और उसके अधिकारियों के पक्ष में सुरक्षा आदेश (protective orders) भी दिए हैं. कंपनी ने कहा कि वो पुलिस की जांच में पूरा सहयोग कर रही है और सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और सहयोगपूर्ण वर्कप्लेस बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
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