ओडिशा (Odisha Stampede) में तैनात ACP रैंक के एक सीनियर पुलिस अधिकारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में ACP पुलिसकर्मियों को निर्देश देते हुए कहते हैं कि अगर प्रदर्शन करने वाले यहां तक पहुंचते हैं तो उनके ‘पैर तोड़ देना.’ वीडियो सामने आने के बाद इस पर विवाद हो रहा है. उधर, ACP का कहना है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है.
‘पकड़ो मत, पैर तोड़ दो’, ACP का निर्देश कैमरे में कैद, अब कह रहे हैं- बयान के मायने गलत निकाले
Odisha Stampede: पुरी में हुई भगदड़ के विरोध में रविवार, 29 जून कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता जुटे थे. विरोध प्रदर्शन की आशंका में मुख्यमंत्री के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था. इसी दौरान ACP ने पुलिसकर्मियों को निर्देश जारी किए. इस दौरान उन्होंने कहा...

NDTV की ख़बर के मुताबिक, पुरी में हुई भगदड़ के विरोध में रविवार, 29 जून कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता जुटे थे. वे ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के घर के बाहर प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे. विरोध प्रदर्शन की आशंका में मुख्यमंत्री के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था. प्रदर्शनकारी सीएम आवास तक न पहुंच सकें इसलिए पूरे रास्ते पर कांटेदार तार और बैरिकेड लगाए हुए थे.
कई आला अधिकारी बंदोबस्त की निगरानी कर रहे थे. इनमें से एक भुवनेश्वर के ACP नरसिंह भोल भी थे. वह निगरानी करते हुए आखिरी बैरिकेड तक पहुंचते हैं और तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश देते हैं. वीडियो के मुताबिक, ACP भोल कहते हैं,
अगर कोई यहां तक पहुंचता है तो उसका पैर तोड़ दो. उन्हें पकड़ो मत, बस उनके पैर तोड़ दो. हम उन्हें पकड़ने के लिए वहां (कुछ दूरी पर) खड़े हैं. जो कोई पैर तोड़ेगा वह मेरे पास आएगा और इनाम लेगा.
ACP के निर्देश पर बैरिकेड के पीछे खड़े पुलिसकर्मी जवाब देते हैं, “हां, सर, हां, सर.” वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोगों सीनियर ने पुलिस अधिकारी की आलोचना करने लगे. लेकिन भोल ने NDTV को बताया कि उनकी टिप्पणी को गलत संदर्भ में पेश किया गया.
उन्होंने बताया कि हर चीज़ में एक जगह, समय और संदर्भ होता है. यह कहां हो रहा था, कब हो रहा था. अगर आप वीडियो देखें तो मैंने पुलिसकर्मियों से कहा कि हम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वहां हैं.
भोल ने बैरिकेड से कुछ दूरी पर एक जगह का ज़िक्र करते हुए बताया कि वह जिस जगह पर खड़े थे, वहां पहुंचने से पहले दो बैरिकेड थे. आदेश था कि उपद्रवी प्रदर्शनकारियों को पहले बैरिकेड पर ही रोक दिया जाए. लेकिन अगर कोई व्यक्ति दो बैरिकेड तोड़कर उनसे आगे चला जाता है तो वह व्यक्ति पहले ही कानून तोड़ चुका है. वह गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा है. हम गैरकानूनी प्रदर्शन को रोकने के लिए बल प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं.
उधर, ओडिशा सरकार ने पुरी भगदड़ की प्रशासनिक जांच शुरू कर दी है. राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि विकास आयुक्त अनु गर्ग 30 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपेंगे.
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