नोएडा में एक रिटायर्ड इंजीनियर (Retired Engineer Scammed) के साथ कथित तौर पर साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) का मामला सामने आया है. ठगों ने उनसे स्टॉक मार्केट में बड़े रिटर्न (Stock Market Return) का वादा करके उनके खाते से 80 लाख रुपये उड़ा दिए. लूटी हुई सारी रकम को उन्होंने देश भर के अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया जिससे पुलिस या कोई एजेंसी पैसों को आसानी से ट्रैक न कर सके. पुलिस फिलहाल उन बैंक खातों की जांच कर रही है जिनमें पैसे भेजे गए. इससे ये पता चल सकेगा कि आखिर सारे पैसे अंत में कहां जा रहे हैं.
मीठा बोलकर ऐसा लालच दिया, इंजीनियर ने खुद ट्रांसफर किए 80 लाख, अब पता लगा वो ठग थे
Cyber Fraud करने वालो ने Noida के Retired Engineer को एक फर्जी एप डाउनलोड करवाया. इसमें Investment और Stock Market का प्रॉफिट, सब दिख रहा था. फिर क्या हुआ? सब जानिए


इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता एक प्राइवेट फर्म में इंजीनियर रह चुका है. अगस्त 2025 में WhatsApp के जरिए वो एक अनजान आदमी के संपर्क में आया. उस व्यक्ति ने खुद को स्टॉक ट्रेडिंग का एक्सपर्ट बताया. उसने कहा कि वो ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट, खासकर शेयर मार्केट से प्रॉफिट कमाने में उनकी मदद करेगा. एक पुलिस अधिकारी ने बताया,
उस आदमी ने फिर शिकायतकर्ता को एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ दिया, जहां कई मेंबर पहले से ही इन्वेस्टमेंट से कमाए गए प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे थे. ग्रुप की एक्टिविटीज से यकीन होने के बाद, इंजीनियर ने शुरू में थोड़ी रकम इन्वेस्ट की. जब वह रकम निकाल पाया, तो उसे ग्रुप की एक्टिविटीज पर भरोसा होने लगा.
अधिकारी ने आगे बताया
पैसे निकालने चाहे, तो ग्रुप से निकाल दियाकुल मिलाकर, उसने 10 से ज्यादा ट्रांजैक्शन में फ्रॉड करने वालों द्वारा दिए गए अलग-अलग बैंक अकाउंट में लगभग 80 लाख रुपये ट्रांसफर किए. इस प्रोसेस के दौरान, आरोपी ने उससे अपने फोन में एक फेक ट्रेडिंग एप्लीकेशन इंस्टॉल करवाया, जिसके जरिए वह अपने ‘इन्वेस्टमेंट’ और ‘प्रॉफिट’ को वर्चुअली बढ़ते हुए देख सकता था.
रिटायर्ड इंजीनियर को स्कैमर्स ने जो एप डाउनलोड करवाया था, उसमें उसे वर्चुअल प्रॉफिट और इन्वेस्टमेंट सब दिख रहा था. लेकिन वो एप पूरी तरह फर्जी था. जब रिटायर्ड इंजीनियर ने अपने पैसे निकालने चाहे, तो स्कैमर्स ने टैक्स और ट्रांजैक्शन चार्ज के नाम पर उनसे और पैसे मांगे. जब उन्होंने पैसे देने से मना किया तो स्कैमर्स ने उन्हें व्हाट्सएप्प ग्रुप से बाहर निकाल दिया. साथ ही अपने सारे नंबर भी स्विच ऑफ कर लिए.
शुरुआती जांच में सामने आया कि पूरी रकम, फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके खोले गए कई अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई थी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहचाने गए बैंक अकाउंट्स को फ्रीज करने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. साथ ही धोखे से निकाले गए फंड्स का एक बड़ा हिस्सा पहले ही ब्लॉक कर दिया है. आरोपियों का पता लगाने और इस स्कैम रैकेट का नेटवर्क कितना बड़ा है, इसका खुलासा करने के लिए दो लोगों की एक स्पेशल टीम बनाई गई है.
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