नोएडा में एक वृद्धाश्रम से तकरीबन 40 बुजुर्गों को रेस्क्यू किया गया है. एक वीडियो सामने आने के बाद कुछ अधिकारियों ने वृद्धाश्रम का औचक निरीक्षण किया था. यहां उन्होंने जो देखा उसने उन्हें झकझोर कर रख दिया. बुजुर्गों की देखभाल के नाम पर लाखों का डोनेशन लेने वाले इस ओल्ड एज होम में बूढ़े-अशक्त लोग जानवरों जैसे रखे गए थे. किसी को ताले में बंद रखा गया था. तो किसी के हाथ बांधे गए थे. कपड़े गंदे थे. फटे थे. पेशाब और मल से सने हुए थे. कुछ के पास कपड़े भी नहीं थे.
किसी के हाथ-पैर बांधे तो कोई मल-मूत्र से सने कपड़े पहने था, नोएडा के वृद्धाश्रम के हालात रुला देंगे
नोएडा के एक वृद्धाश्रम से 40 बुजुर्गों को रेस्क्यू किया गया है, जो वहां पर बदतर हालात में रह रहे थे. एक महिला का हाथ बांधकर रखा गया था. कई बुजुर्गों के पास पहनने को कपड़े भी नहीं थे.

ये सब देखकर निरीक्षण करने गई टीम के सदस्यों का भी दिल पसीज गया. बीमार और असहाय बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए प्रॉपर स्टाफ भी वहां मौजूद नहीं था. ये सब मामला तब सामने आया, जब वृद्धाश्रम की बदहाली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में दिखा कि एक बुजुर्ग महिला को कमरे में हाथ बांधकर रखा गया था. यह लखनऊ के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट तक भी पहुंचा.
इसके बाद हरकत में आई राज्य महिला आयोग और नोएडा पुलिस ने गुरुवार 26 जून को वृद्धाश्रम पर छापा मारा. इस दौरान मौके पर उन्होंने वृद्धाश्रम का जो हाल देखा, वो देख दंग रह गए.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि एक बुजुर्ग महिला के हाथ कपड़ों से बांधे गए थे और उन्हें भी कमरे में बंद किया गया था. उनकी देखभाल एक महिला करती थी. उससे जब हाथ बांधने के बारे में पूछा गया तो वह भड़क गई. उसने बुजुर्ग महिला को 'पागल' बताया और कहा कि वह कपड़े फाड़ती है इसलिए उसके हाथ बांध रखे हैं. सख्ती दिखाने पर महिला काम छोड़कर वहां से चली गई.
राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला के अनुसार, वृद्धाश्रम में कुछ बुजुर्गों को तहखाने जैसे कमरों में बंद कर दिया गया था. कई बुजुर्गों ने कपड़े नहीं पहने थे और महिलाएं भी आधे-अधूरे कपड़ों में थीं. कुछ बुजुर्गों के कपड़े पेशाब और मल से सने हुए मिले, जो बेहद 'शर्मनाक' और दिल दहला देने वाला था. बुजुर्गों को जिस हाल में रखा गया था, वह जेलों की याद दिलाता है, बल्कि वहां जेल से भी बदतर हालात वहां थे. वृद्धाश्रम में रहने वाली एक महिला का जिक्र करते हुए बराला ने कहा,
ये महिला अपने समय की मशहूर डॉक्टर थी. उसने कई लोगों का इलाज किया था. इन लोगों ने उसे बांध रखा था. जब मैंने उससे पूछा तो उन्होंने कहा कि वो महिला मानसिक रूप से अस्थिर है. वो अपने कपड़े फाड़ती रहती है. मैंने उस महिला से आधे घंटे तक बात की लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. कल उन लोगों ने उसे नशीला पदार्थ खिला दिया था. वो महिला न तो बोल पा रही थी और न ही अपनी आंखें ठीक से खोल पा रही थी.
उन्होंने आगे कहा,
वहां रहने वाले एक बुजुर्ग ने हमें बताया कि वहां कई लोगों को एक कमरे में बंद करके रखा जाता है.
इंडिया टुडे के रिपोर्टर भूपेंद्र चौधरी के मुताबिक, वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए कोई प्रोफेशनल स्टाफ ही नहीं था. खुद को नर्स बताने वाली एक महिला ने बताया कि उसने अभी-अभी 12वीं की पढ़ाई पूरी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता चला कि वृद्धाश्रम ने बुजुर्गों के परिवारों से 2.5 लाख रुपये का दान लिया था. इसके अलावा, उन्होंने बुजुर्गों के रहने-खाने के एवज में भी हर महीने 6 हजार रुपये लिए थे.
इंडिया टुडे से जुड़े अरुण त्यागी की रिपोर्ट के अनुसार, समाज कल्याण विभाग की अधिकारी नित्या द्विवेदी ने कहा,
आज हम तीन बुजुर्ग को रेस्क्यू कर रहे हैं. एक हफ्ते के अंदर बाकी सभी को सरकारी वृद्धाश्रम में शिफ्ट कर दिया जाएगा. आश्रम के ट्रस्टी को नोटिस जारी कर दिया गया है. अब आगे जांच की जाएगी.
अधिकारी के मुताबिक, जब वो लोग आश्रम पहुंचे तो उन्होंने किचन और कमरे देखे. कमरों में 2-3 बुजुर्ग बंधे हुए मिले, जिनको रेस्क्यू कर लिया गया है.
मामले पर नोएडा पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया,
राज्य महिला आयोग की शिकायत के आधार पर सेक्टर 55, C- 5 स्थित आनन्द निकेतन वृद्ध सेवाश्रम का औचक निरीक्षण किया गया. इसमें कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. प्रशासन के सहयोग से आश्रम को सील करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. सभी बुजुर्गों को अब मान्यता प्राप्त सरकारी ओल्ड ऐज होम में स्थानांतरित किया जाएगा.
पुलिस ने बताया कि मामले में महिला आयोग और प्रशासन संयुक्त रूप से आगे की कार्रवाई कर रही है.
वीडियो: बॉयकॉट के बीच नीरु बाजवा ने सरदार जी 3 से जुड़े सारे पोस्ट्स डिलीट किये