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"आपने पहलगाम हमले की फंडिंग की है..." ऐसा बोल बुजुर्ग महिला से 24 लाख ठग लिए

Noida के थाना साइबर क्राइम पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. पुलिस को शक है कि ठगों ने यह सारा नेटवर्क कंबोडिया जैसे देशों से चलाया जा रहा है. ठगी की राशि गुजरात और महाराष्ट्र के खातों में ट्रांसफर कराई गई है. खातों की फॉरेंसिक जांच भी की जा रही है.

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दिल्ली से सटे नोएडा का है मामला. (प्रतीकात्मक फोटो- इंडिया टुडे)
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अरविंद ओझा

नोएडा में एक 76 साल की बुजुर्ग महिला के साथ साइबर ठगी हुई है. पहले तो महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया. फिर उनसे कहा गया कि उनके खातों का इस्तेमाल पहलगाम आतंकी की फंडिंग, हवाला, ड्रग्स तस्करी, ऑनलाइन जुआ में हो रहा है. महिला ने मारे घबराहट के लाखों रुपये ठगों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए. ठगों ने बुजुर्ग महिला को लगभग 23 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. इस दौरान उनसे आठ ट्रांजैक्शन में उनसे लगभग 24 लाख रुपये ठगे गए. 

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आजतक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्ग महिला का नाम सरला देवी है. उन्होंने नोएडा के सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को नेहा नाम की एक लड़की ने एयरटेल कंपनी की टेली कॉलर बनकर उन्हें कॉल किया. बताया कि उनके नाम से मुंबई के भायखला इलाके की एक दुकान के पते पर सिम कार्ड जारी है. 

इसके बाद उन्हें वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल आता है. कॉल पर एक शख्स पुलिस की वर्दी में था. उसने खुद की पहचान मुंबई के क्राइम ब्रांच में तैनात एसीपी संजय सिंह के तौर पर बताई. उसने महिला को बताया उनके नाम से मुंबई में 4 बैंक अकाउंट खोले गए हैं. इन खातों का इस्तेमाल पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को फंडिंग करने, ड्रग तस्करी, हवाला और ऑनलाइन जुआ में हुआ है. 

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फर्जी एसीपी ने बताया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है. इन तमाम चीजों से महिला घबरा गईं. इसका फायदा उठाते हुए साइबर ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. उनसे उनके खातों की डिटेल्स मांगी, जो महिला ने उन्हें दे दी. पीड़िता को करीब 23 दिनों (20 जुलाई से 13 अगस्त) तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. इस दौरान महिला से कुल 43.70 लाख रुपये अलग-अलग खातों और क्यूआर कोड के जरिए आठ ट्रांजेक्शन में ट्रांसफर कराए. 

महिला ने बताया कि इसके बाद ठगों ने उन्हें कथित सिक्योरिटी मनी जमा करने का दबाव बनाया. ठग लोन लेकर 15 लाख रुपये और जमा करने के लिए दबाव डाल रहे थे. लेकिन मामला बढ़ता देख उन्होंने एक वकील से सलाह ली. तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है. इसके बाद उन्होंने कोई पैसा ठगो को ट्रांसफर नहीं किया और साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई. 

उधर, अब थाना साइबर क्राइम पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. पुलिस को शक है कि ठगों ने यह सारा नेटवर्क कंबोडिया जैसे देशों से चलाया जा रहा है. ठगी की राशि गुजरात और महाराष्ट्र के खातों में ट्रांसफर कराई गई है. खातों की फॉरेंसिक जांच भी की जा रही है.

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