दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में नीति आयोग की एक बैठक (Niti Aayog Meeting) हुई. इस बैठक में कई विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. मीटिंग में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों को साथ आकर एक टीम के तौर पर काम करने को कहा. राज्यों को पर्यटन के लिए ग्लोबल लेवल की तैयारी करने को कहा गया. पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि हर राज्य में कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित हो. जहां इंटरनेशनल टूरिस्टों को ध्यान में रखकर सुविधाएं बनाई जाएं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करने से टूरिस्ट स्पॉट के आसपास के शहरों का भी विकास होगा. इसके लिए उन्होंने ‘वन स्टेट वन डेस्टिनेशन’ का आइडिया रखा.
स्टालिन से चर्चा, 'मान' ने रखा सम्मान, सोरेन से दुआ-सलाम, जब विरोधी मुख्यमंत्रियों से मिले PM मोदी!
नीति आयोग की बैठक से इतर कुछ ऐसी तस्वीरें आईं जो देश की राजनीतिक की खूबसूरती को दर्शाती हैं. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद पीएम मोदी विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों से पहली बार मिल रहे थे.

लेकिन बैठक से इतर कुछ तस्वीरें और आईं जिन पर अब खूब चर्चा हो रही है. भारत मंडपम में हुई इस बैठक का माहौल खुशनुमा दिखा. इनमें पीएम मोदी को अलग-अलग नेताओं से हंसी मजाक करते देखा जा सकता है.
इस मीटिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और मेघालय के मुख्यमंत्री कोर्नाड संगमा, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू मौजूद थे. तस्वीरें देखें-

पीएम मोदी के साथ कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की भी तस्वीर आई है.

‘चाय पर चर्चा’

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री के बीच अभिवादन का कुछ ऐसा दृश्य दिखा-

आम आदमी पार्टी (AAP) शासित राज्य पंजाब के सीएम भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन कुछ यूं किया-

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भारत-पाकिस्तान तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद, ये पहला मौका था जब पीएम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की है.
स्टालिन ने नाराजगी भी जताईहालांकि, बैठक को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि ‘थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी’ पर उनके राज्य और केंद्र सरकार के बीच मतभेद के कारण राज्य का फंड रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि ‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम’ के तहत केंद्र से मिलने वाले 2,200 करोड़े रुपये के फंड से तमिलनाडु को वंचित रखा गया है. स्टालिन ने ये भी कहा कि उनका राज्य देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहा है.
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