नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर वहां काम कर रहे एक कुली ने पूरी कहानी सुनाई है (New Delhi railway station Stampede). सुगन लाल मीणा का कहना है कि वो लगभग 44 साल से स्टेशन पर काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसी भीड़ उन्होंने पहले कभी नहीं देखी. उन्होंने ये भी कहा कि ख़ुद उन्होंने अपने कुली साथियों के साथ मिलकर 15 लाशें गाड़ियों में लोड की हैं. सुगन लाल मीणा ने बताया है कि महाकुंंभ के लिए प्रयागराज जा रही स्पेशल ट्रेनों के प्लेटफ़ॉर्म नंबर में बदलाव किया गया. इसी से भगदड़ मच गई.
अचानक बदला प्लेटफॉर्म, 15 लाशें रखीं... 44 साल से काम कर रहे कुली ने नई दिल्ली स्टेशन हादसे पर बहुत कुछ बताया
Coolie on New Delhi railway station Stampede: कुली सुगम लाल मीणा का कहना है- 'हमने कम से कम 15 शवों को उठाकर एम्बुलेंस में डाला, आगे पता नहीं. प्लेटफ़ॉर्म पर सिर्फ़ जूते और कपड़े थे. पब्लिक एकदम से फंस गई, दब गई.'

सुगन लाल मीणा न्यूज़ एजेंसी ANI को बताते हैं,
मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं. लेकिन मैंने पहले कभी ऐसी भीड़ नहीं देखी. प्रयागराज स्पेशल को प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था. लेकिन इसे प्लेटफ़ॉर्म नंबर 16 पर शिफ़्ट कर दिया गया. जब प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 पर इंतज़ार कर रही भीड़ और बाहर से इंतज़ार कर रही भीड़ प्लेटफ़ॉर्म नंबर 16 पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी. तभी लोग आपस में टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे.
सुगन लाल मीणा ने आगे कहा,
भीड़ को रोकने के लिए कई लोग वहां जमा हो गए. हमारे कुली भाइयों ने रास्ता ब्लॉक किया, पब्लिक को रोका. हमने कम से कम 15 शवों को उठाकर एम्बुलेंस में डाला, आगे पता नहीं. प्लेटफ़ॉर्म पर सिर्फ़ जूते और कपड़े थे. पब्लिक एकदम से फंस गई, दब गई. हमारी हालत ऐसी हो गई कि रात को हमने खाना भी नहीं खाया. उस हादसे को देखकर.
कुली सुगन लाल मीणा ने दावा किया कि चीज़ों को संभालने के लिए कुलियों ने मिलकर जो मदद की है, उतनी तो पुलिसकर्मियों ने भी नहीं की. तब तक प्रशासन के सिर्फ़ 1-2 लोग थे. बाद में जब फ़ोन किया गया, तो दमकल की गाड़ियां पहुंचीं. वहीं, 3-4 एम्बुलेंस वहां पहुंचीं और लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया.

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में अब तक 18 लोगों की मौत हो गई है. इनमें नौ महिलाएं, पांच बच्चे और चार पुरुष शामिल हैं. इनमें 9 बिहार, 8 दिल्ली और 1 हरियाणा से हैं. वहीं, हादसे में 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों का इलाज फिलहाल दो अस्पतालों -लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल- में चल रहा है.
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