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NCERT का नया मॉड्यूल- 'देश के बंटवारे के लिए जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन जिम्मेदार'

कांग्रेस ने इस मॉड्यूल पर कड़ी आपत्ति जताई है. NCERT ने मॉड्यूल का नाम ‘पार्टीशन हॉरर्स रिमेंबरेंस डे’ या ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ दिया है.

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बंटवारे को लेकर NCERT ने नया मॉड्यूल जारी किया है. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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मिलन शर्मा

NCERT ने स्कूलों के लिए एक खास मॉड्यूल जारी किया है. इसको नाम दिया गया है, ‘पार्टीशन हॉरर्स रिमेंबरेंस डे’ यानी कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’. बताया गया है कि इसे भारत-पाकिस्तान बंटवारे से जुड़ी जानकारी देने के लिए लागू किया गया है. लेकिन कांग्रेस ने इस मॉड्यूल का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि इसे जला देना चाहिए क्योंकि इसमें सच्चाई नहीं है.

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NCERT के नए मॉड्यूल में है क्या?

इस स्पेशल मॉड्यूल में कहा गया है कि विभाजन किसी एक व्यक्ति का काम नहीं था, बल्कि ये तीन ताकतों का काम था. इस मॉड्यूल में विभाजन की जिम्मेदारियां इस तरह बांटी गई हैं-

  1. जिन्ना ने विभाजन का प्रचार किया.
  2. कांग्रेस ने विभाजन को स्वीकार किया.
  3. माउंटबेटन को विभाजन को लागू करने के लिए भेजा गया था.

इसमें ये भी कहा गया है कि विभाजन ने कश्मीर को देश के लिए एक नई सुरक्षा समस्या में बदल दिया और तब से, हमारा एक पड़ोसी देश इसका इस्तेमाल, भारत पर विभिन्न तरीकों से दबाव बनाने के लिए कर रहा है.

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नियमित पाठ्यपुस्तकों के अलावा, कक्षा 6-8 और कक्षा 9-12 के लिए इस मॉड्यूल के अलग-अलग संस्करण तैयार किए गए हैं.

NCERT special module
तस्वीर: इंडिया टुडे.
लाहौर प्रस्ताव का रेफरेंस

NCERT के नए मॉड्यूल में लाहौर प्रस्ताव का रेफरेंस दिया गया है. इसमें मुहम्मद अली जिन्ना ने दावा किया था कि हिंदू और मुसलमान एक जैसे नहीं हैं, उनकी सोच, रीति-रिवाज और साहित्य सब अलग हैं. जैसे दो अलग-अलग गांव होते हैं. 

मॉड्यूल में तर्क दिया गया है कि अंग्रेजों ने शुरू में भारत को डोमिनियन स्टेटस की पेशकश करके एकजुट रखने की कोशिश की थी, लेकिन कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

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गांधी, पटेल और नेहरू का भी जिक्र

इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल के हवाले से कहा गया है,

भारत में स्थिति विस्फोटक हो गई थी. देश युद्ध का मैदान बन गया था और गृहयुद्ध की अपेक्षा देश का विभाजन करना बेहतर था.

महात्मा गांधी के रुख का हवाला देते हुए कहा गया है कि वो विभाजन के विरोधी थे, लेकिन वो हिंसा के जरिए कांग्रेस के फैसले का विरोध करने के लिए तैयार नहीं थे. मॉड्यूल में लिखा है,

उन्होंने (गांधी ने) कहा कि वो विभाजन में भागीदार नहीं हो सकते, लेकिन वो हिंसा के जरिए कांग्रेस को इसे स्वीकार करने से नहीं रोकेंगे…

अंततः जवाहरलाल नेहरू और पटेल ने विभाजन स्वीकार कर लिया. बाद में महात्मा गांधी ने 14 जून 1947 को कांग्रेस कार्यसमिति को भी विभाजन पर सहमत होने के लिए राजी कर लिया.

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NCERT मॉड्यूल में माउंटबेटन के बारे में क्या लिखा?

मॉड्यूल में सत्ता हस्तांतरण की तारीख को लेकर लॉर्ड माउंटबेटन की कड़ी आलोचना की गई है. इसमें कहा गया है,

माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण की तारीख जून 1948 घोषित की थी, लेकिन बाद में इसे अगस्त 1947 कर दिया.

इसमें बताया गया है कि सीमाओं के जल्दबाजी में किए गए सीमांकन से अराजकता फैल गई. कई जगहों पर, 15 अगस्त तक लोगों को ये भी पता नहीं था कि वो भारत में हैं या पाकिस्तान में.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर कहा, 

इस मॉड्यूल को जला दो क्योंकि ये सच नहीं बताता. विभाजन हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की सांठगांठ के कारण हुआ था. RSS इस देश के लिए खतरा है. विभाजन का विचार सबसे पहले 1938 में हिंदू महासभा द्वारा प्रचारित किया गया था. इसे 1940 में जिन्ना ने दोहराया.

NCERT के इस फैसले से देश में चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर विभाजन के लिए जिम्मेदार था कौन. और स्कूलों में भारत का इतिहास किस प्रकार पढ़ाया जाना चाहिए.

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