सरकार ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB Data) 2023 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक 2022 से 2023 तक चरमपंथी और आतंकी घटनाओं में कमी देखने को मिली है. आंकड़ों के मुताबिक नक्सली हिंसा, आतंकवाद और पूर्वोत्तर के इलाकों में भी आतंकी घटनाओं में कमी देखने को मिली है. अब चूंकि सरकार ने पूरे दो साल बाद 2023 के आंकड़े जारी किए हैं, इसलिए 2024 के आंकड़े सामने नहीं आए हैं.
आतंकी हमले घटे लेकिन शहीदों की संख्या बढ़ी, NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला सच
NCRB Report 2023 के मुताबिक Terrorist Activities और Naxal Violence में कमी आई है. लेकिन सरेंडर की घटनाओं में भी कमी आई है. साथ ही सुरक्षाबलों की मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं.


सबसे अधिक गिरावट आतंकवादी गतिविधियों में आई है, जो 2022 में 126 से घटकर 2023 में केवल 15 रह गई है. एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोत्तर के उग्रवादियों से जुड़ी हिंसा के मामले भी 2022 में 26 से घटकर 10 रह गए हैं. मौत का आंकड़ा देखें तो आम लोगों के मरने की संख्या में कमी तो आई है, लेकिन पुलिस, सेना और सुरक्षाबलों के शहीदों की संख्या में इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चरमपंथियों द्वारा लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद में भी भारी इजाफा हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 की तुलना में 2023 में पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवाद की घटनाओं में 61% से भी अधिक की गिरावट आई है. साथ ही नक्सली हिंसा की घटनाओं में 44% से अधिक की कमी दर्ज की गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जिहादी आतंकवादी गतिविधियों में सबसे ज्यादा 87% गिरावट देखी गई है. इसके अलावा ‘अन्य आतंकवादी’ घटनाओं में भी 77% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. कुल मारे गए लोगों की संख्या देखें तो नागरिक और सुरक्षाकर्मी मिलाकर 2022 में 118 लोग मारे गए थे. 2023 में ये संख्या घटकर 103 हो गई है.
NCRB के अनुसार पुलिस, राज्य और सेना के जवानों की मौतों में 50% की वृद्धि हुई है. यानी पहले की तुलना में अब सुरक्षाबल ज्यादा हताहत हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ चरमपंथियों की होने वाली मौतों में 54% से अधिक की गिरावट आई है. ये संख्या 131 से घटकर 60 हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सरेंडर करने वालों की संख्या भी 2022 में 417 से घटकर 2023 में 318 हो गई, जो 23% की गिरावट को दिखाता है. सरेंडर किए गए लोगों में 316 नक्सली थे.
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