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मुर्शिदाबाद हिंसा: बाप-बेटे के मरने तक उपद्रवी वहीं खड़ा रहा, कमेटी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं

Murshidabad Violence की जांच के लिए बनाई गई ‘फैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ ने कहा है कि 11 अप्रैल को हरगोविंदा दास और उनके बेटे चंदन की हत्या की गई. एक उपद्रवी वहां तब तक इंतजार करता रहा, जब तक वो दोनों मर नहीं गए.

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कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. (फाइल फोटो: PTI)

वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा (Murshidabad Violence) हुई थी. मामले की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक ‘फैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ का गठन किया था. तीन सदस्यों वाली इस कमेटी ने कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. 

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले इस मामले को रिपोर्ट किया है. कमेटी ने कहा है,

स्थानीय पार्षद महबूब आलम 11 अप्रैल, 2025 को उपद्रवियों के साथ थे. उस रोज वहां स्थानीय विधायक भी मौजूद थे. उन्होंने वहां तोड़फोड़ होते देखा. इसके बावजूद 12 अप्रैल तक हिंसा होती रही. ये हमले स्थानीय पार्षद महबूब आलम के निर्देश पर हुए थे. इस दौरान स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और अनुपस्थित थी. 

हालांकि, महबूब आलम को स्थानीय पार्षद बताना गलत प्रतीत होता है. क्योंकि आलम पार्षद नहीं बल्कि धुलियान नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 

इस घटना से बेटबोना गांव में 113 घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. अधिकांश निवासियों को मालदा में शरण लेनी पड़ी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन सभी को वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया है.

कमेटी ने कहा है कि सबसे बड़ा हमला 11 अप्रैल की दोपहर को 2:30 बजे के बाद हुआ. हरगोविंदा दास और उनके बेटे चंदन की हत्या का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, 

उन्होंने (हमलावरों ने) घर का मेन गेट तोड़ दिया और चंदन दास और उसके पिता हरगोविंदा दास को पकड़ लिया. उनकी पीठ पर कुल्हाड़ी से वार किया गया. एक आदमी वहां तब तक इंतजार करता रहा जब तक वो मर नहीं गए.

‘फैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ में 'रजिस्ट्रार (कानून) NHRC' जोगिंदर सिंह, ‘सदस्य सचिव (WBLSA)’ सत्य अर्नब घोषाल और 'रजिस्ट्रार (WBJS) सौगत चक्रवर्ती शामिल थे.

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11 अप्रैल को 70 साल के हरगोबिंदो दास और उनके 40 साल के बेटे चंदन की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में अकबर अली नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

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