केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने अपने ही एक DSP ए भास्कर पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. एसीबी का कहना है कि भास्कर ने एक कस्टम अधिकारी के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांच में उसका सहयोग करने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत ली है. डीएसपी भास्कर और तीन अन्य लोगों के खिलाफ ये शिकायत एसीबी मुंबई के डीएसपी राजेश पांडे ने की थी. जिसके बाद 10 जनवरी, 2024 को सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
CBI ने अपने DSP पर 20 लाख की रिश्वत लेने का लगाया आरोप, मुंबई का ये मामला है क्या?
मुंबई में हाल ही में ये दूसरी बार हुआ है जब CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने DSP पर आरोप लगाया है. और FIR भी दर्ज करवाई है.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक डीएसपी ए भास्कर को मार्च 2023 में केस सौंपा गया था. इससे कुछ समय पहले एक सीबीआई इंस्पेक्टर की शिकायत के आधार पर ये मामला दर्ज किया गया था. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सीमा शुल्क से जुड़े कुछ अधिकारियों और कुछ एजेंटों की मिलीभगत से जरूरी सीमा शुल्क लिए बिना ही कुछ सामान को इंपोर्ट किया गया है. ये भी कहा गया था कि कथित तौर पर ऐसा करने के लिए उन लोगों के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया है, जो दो साल से अधिक समय तक विदेश में रहे थे.
शिकायत के मुताबिक इस मामले में कुछ सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक कार्टेल बनाया, जिन्हें कई तरह की अवैध क्लीयरेंस दी गई और बिना सीमा शुल्क लिए ही इनके सामान को लाने की अनुमति दी गई.
जैसा ही पहले बताया कि सीबीआई के डीएसपी ए भास्कर को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई. अब जो आरोप लगे हैं उनके मुताबिक डीएसपी ने मामले की जांच करते हुए, कस्टम अधिकारियों से गलत तरह से लाभ लिए और 20 लाख रुपये की रिश्वत भी ली. ये भी कहा गया कि डीएसपी के साथ इस मामले में सीमा शुल्क निवारक अधिकारी रोशन कुमार, सहायक आयुक्त योगेश कुमार और एक अन्य व्यक्ति विजय मावरा भी शामिल थे.
मुंबई में हाल ही में ये दूसरी बार हुआ है जब सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने DSP पर आरोप लगाया है. इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई में डीएसपी बीएम मीना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मीना पर एक बैंक धोखाधड़ी के केस में कुछ आरोपियों को लाभ पहुंचाने के बदले, उनसे रिश्वत लेने का आरोप लगा था.
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