रेप के बढ़ते मामलों को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डीजीपी कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) का एक बयान सामने आया है. उनका कहना है कि मोबाइल और इंटरनेट की वजह से आज पॉर्नोग्राफी कंटेंट आसानी से उपलब्ध है. इसकी वजह से समाज का नैतिक पतन हो रहा है. अकेले पुलिस रेप की घटनाओं पर लगाम नहीं लगा सकती.
‘अश्लील कंटेंट आसानी से उपलब्ध...’ MP के DGP ने बताया क्यों अकेले पुलिस रेप केस कम नहीं कर सकती
Madhya Pradesh के DGP Kailash Makwana ने दावा किया कि पहले बच्चे टीचर्स और परिवार के लोगों की बात मानते थे. लेकिन आज कोई भी घर में एक-दूसरे पर नज़र नहीं रख पाता.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीजीपी मकवाना ने यह बात शनिवार, 28 जून उज्जैन में पुलिस की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के दौरान कही. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,
जिस तरह से इंटरनेट पर पॉर्नोग्राफी परोसी जा रही है, उससे बच्चों का दिमाग विकृत हो रहा है. बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के पीछे कई कारण हैं. मुझे लगता है कि इसमें इंटरनेट, मोबाइल फोन, अश्लील कंटेंट की उपलब्धता और शराब शामिल हैं. आज मोबाइल फोन के ज़रिए कोई कहीं से किसी और से जुड़ रहा है. समाज में नैतिकता के पतन के ऐसे कई कारण हैं. इससे निपटना अकेले पुलिस के लिए संभव नहीं है.
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मकवाना ने दावा किया कि पहले बच्चे टीचर्स और परिवार के लोगों की बात मानते थे. लेकिन आज कोई भी घर में एक-दूसरे पर नज़र नहीं रख पाता. उन्होंने कहा कि अब सारी सीमाएं टूट रही हैं. डीजीपी ने ज़ोर देते हुए कहा,
जिस तरह से इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट परोसा जा रहा है, वह निश्चित रूप से उनके (बच्चों के) दिमाग को विकृत कर रही है. यही कारण है कि ये घटनाएं हो रही हैं.
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गौरतलब है कि राज्य के गृह विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में रेप के 6134 मामले दर्ज किए गए. 2024 में ये 7294 तक पहुंच गए. इनमें 19 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई.
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