बिहार में चुनावी माहौल के बीच पटना जिले के मोकामा में हिंसा हो गई है. जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की गुरुवार, 30 अक्टूबर को हत्या कर दी गई, जिसके बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है. जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों से झड़प के बाद ये हत्या हुई है. आरोप लग रहे हैं कि झड़प के बाद अनंत सिंह ने ही दुलारचंद की हत्या कराई है. मृतक के परिवार की महिलाओं का सीधा आरोप है कि अनंत सिंह ने ही गाड़ी से कुचलने के बाद दुलार चंद को गोली मारी है.
आंखों पर कॉमेंट, पत्नी को 'नचनिया' कहा..., दुलारचंद और अनंत सिंह के बीच चल क्या रहा था?
Dularchand Yadav Murder in Mokama: बिहार के मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद उनके परिवार ने जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगाया है. वहीं, अनंत सिंह ने इसे RJD नेता सूरजभान सिंह की साजिश बताया है. पिछले कुछ रोज से अनंत सिंह और दुलारचंद के बीच काफी निजी बयानबाजी हो रही थी. यानी दोनों के बीच माहौल तनातनी वाला बना हुआ था. इसी बीच शुक्रवार को दोनों प्रचार के दौरान आमने-सामने आ गए.
.webp?width=360)

वहीं, अनंत सिंह ने इसे चुनावी माहौल में अपने विरोधी सूरजभान सिंह की ‘साजिश’ बताया है. सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा सिंह अनंत सिंह के खिलाफ मोकामा से RJD के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
अनंत सिंह और दुलारचंद के बीच चल क्या रहा था?इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र ने बताया कि दुलार चंद यादव मोकामा के एक पुराने राजनेता हैं, जो बाढ़ से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. थोड़ा आपराधिक प्रवृत्ति के भी रहे हैं. वो सोशल मीडिया पर विरोधियों को लेकर पर्सनल कमेंट करते थे. खासतौर पर अनंत सिंह को लेकर. हाल ही में अनंत सिंह की पत्नी को लेकर कहा था कि वो ‘नचनिया’ है. फिर एक दिन अनंत सिंह को लेकर कहा कि इनका चश्मा नहीं खुलता. आंख खराब है. एक जनसभा के दौरान जब अनंत सिंह का मंच गिर गया था तो दुलारचंद ने कहा कि उनकी तो कमर टूट गई है. वो लगातार इस तरह के ‘पर्सनल कमेंट’ सोशल मीडिया पर करते थे.
पुष्यमित्र ने बताया कि गुरुवार, 30 अक्टूबर को मोकामा टाल इलाके में जनसंपर्क के लिए दोनों जा रहे थे. यहां एक रास्ता है, जो संकरा है. एक बार में एक ही गाड़ी आ-जा सकती. यहीं दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. यहीं पर दोनों के समर्थकों में भिड़ंत होने लगी. दुलार चंद बाहर आकर कुछ बोलने लगे. इसके बाद क्या हुआ, उसके बारे में ठीक-ठीक नहीं पता. लोग कर रहे हैं कि पहले उन पर गाड़ी चढ़ा दी गई. फिर गोली मार दी गई. गाड़ी चढ़ाने वाली बात तो क्लियर है, लेकिन गोली लगने की बात पोस्टम़ॉर्टम के बाद ही क्लियर होगी.
घटना के तुरंत बाद दुलार चंद के परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से मना कर दिया. उनकी मांग थी कि तेजस्वी यादव आएंगे, तभी शव को उठाया जाएगा. हालांकि, शुक्रवार, 31 अक्टूबर की सुबह जैसे-तैसे प्रशासन दुलार चंद के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लेकर पहुंचा. इसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ है. रिपोर्ट का इंतजार है.
हत्या पर सियासतइस बीच मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. सीधे तौर अनंत सिंह पर हत्या कराने के आरोप लगाए जा रहे हैं. जिस जगह पर ये घटना हुई, वह तारतर गांव अब छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एसपी ग्रामीण एस. सुहाग ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मोकामा से जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह और मृतक के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद ये घटना घटी. अनंत सिंह के भी कई लोगों के जख्मी होने की सूचना है, जिनका इलाज किया जा रहा है.
दुलारचंद के परिवार ने मामले में अनंत सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. इंडिया टुडे से जुड़े कमालुद्दीन की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार के बयान के आधार पर अनंत सिंह, कर्मवीर सिंह, संजय सिंह और छोटन सिंह पर हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
आज तक से बातचीत में दुलारचंद यादव के पोते रविरंजन ने कहा,
मेरे दादा की हत्या कर दी गई और मुझे डर है कि मेरी भी हत्या हो सकती है. पुलिस और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है, हमें न्याय चाहिए.
रविरंजन ने आगे कहा कि उनके दादा बाहुबली नेता अनंत सिंह के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रहे थे. उन्होंने कहा
अनंत सिंह क्या बोल रहे?हम लोग पढ़े-लिखे हैं. एके-47 वाले नहीं हैं. मेरे दादा ने हमेशा जनता की आवाज उठाई लेकिन अब पुलिस-प्रशासन मौन है और असली अपराधियों को बचाया जा रहा है.
मोकामा से जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह का कहना है कि हत्या सूरजभान सिंह की साजिश है, जो क्षेत्र में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं. दोनों की अदावत भी काफी पुरानी है. इंडिया टुडे के शशि भूषण की रिपोर्ट के मुताबिक, अनंत सिंह ने हत्या में अपनी भूमिका होने से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा,
हम अपने काफिले और समर्थकों के साथ मोकामा टाल में वोट मांग रहे थे. इसी दौरान दूसरे उम्मीदवार के समर्थक नजर आए. हमारे काफिले को देखकर वो मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. मेरी गाड़ी काफिले में आगे निकल गई थी. मेरे काफिले में जो गाड़ियां पीछे बची रह गईं, उनको मेरे विरोधियों ने निशाना बना लिया.
अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा,
ये सारा खेल सूरजभान सिंह खेल रहे हैं. दुलारचंद यादव उन्हीं का आदमी था. मुझे नहीं मालूम उसके साथ क्या हुआ. सारी तैयारी सूरजभान की थी कि किसी तरह से लड़ाई-झगड़ा हो जाए तो वोट में खेल हो जाए.
अनंत सिंह ने आरोप लगाया कि झगड़े के दौरान सबसे पहले दुलारचंद ने ही हाथ छोड़ा था.
सूरजभान ने जोड़े हाथवहीं, सूरजभान सिंह ने पुष्यमित्र से बात करते हुए कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग को एक्शन लेना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि हत्या की साजिश में उन पर भी आरोप लग रहे हैं तो सूरजभान सिंह ने बिना कुछ कहे ‘हाथ जोड़’ लिए. इस पर मीडिया से बात करते हुए सूरजभान सिंह ने कहा,
इसे किसी एक व्यक्ति की हत्या मत कहिए. इसे लोकतंत्र पर हमला कहिए. यह सिर्फ एक इलाके या बिहार की बात नहीं है. यह पूरे देश की चिंता है. सबसे बड़ी चिंता जिम्मेदार लोगों का आचरण है. चुनाव आयोग जो पूरे देश पर नजर रखता है, उसे इस बात की जांच करनी होगी कि लोकतंत्र का हनन कैसे हो रहा है.
सूरजभान ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पर जनता का भरोसा कम होता जा रहा है. उन्होंने पूछा कि आयोग इतनी निष्क्रियता से काम क्यों कर रहा है? उसे निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, सूरजभान की पत्नी वीणा सिंह दुलारचंद की मौत पर फूट-फूटकर रोयीं. उन्होंने कहा कि दुलारचंद उनके परिवार के आदमी थे. अनंत सिंह के आरोपों पर वीणा सिंह ने कहा,
पूरा देश जान रहा है कि ये सब किसने किया है? अनंत सिंह के आरोप लगाने से क्या होगा. पीयूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह आमने-सामने हुए. हम लोग तो उधर गए ही नहीं थे.
हत्या के बाद जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव भी दुलारचंद यादव के घर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि जैसी निर्मम हत्या दुलारचंद की की गई, मुझे लगता है कि ऐसे तो जानवरों को भी नहीं मारा जाता है. जिस तरीके से एक आदमी को मारा गया. घसीट-घसीट के मारा गया. गाड़ी चढ़ा के मारा गया.
पप्पू यादव ने अनंत सिंह का नाम लिए बिना कहा कि यहां जो भी घटना होती है, सबमें एक ही आदमी का नाम आता है. उन्होंने भाजपा पर भी टारगेटेड किलिंग के आरोप लगाए और कहा कि मोकामा में आतंक नासूर बन गया है. कल को सूरजभान सिंह पर भी हमला हो सकता है. उनकी भी हत्या हो सकती है.
तेजस्वी यादव क्या बोले?महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने दुलारचंद की हत्या पर एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने गुरुवार 30 अक्टूबर को एक्स पर पोस्ट लिखा,
लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. लोकतंत्र में विचारधारा और जनहित के मुद्दों की लड़ाई होती है. बमबारी और गोलीबारी की नहीं.
तेजस्वी ने कहा कि सत्ता के पाले हुए अपराधी एनडीए के महाजंगलराज में तांडव मचा रहे हैं. आज बिहार में एक दरोगा अनिरुद्ध पासवान की निर्मम हत्या कर दी गई. अपराध के लिए कुख्यात मोकामा में सत्ता संरक्षित गुंडों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या कर दी. तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कि मुद्दों से डरकर जुमलेबाजी करने वाले प्रधानमंत्री जी को 35 मिनट पहले का अपना गुंडाराज और महाजंगलराज नहीं दिखता.

घटना के बाद अनंत सिंह के समर्थकों ने घटना से जुड़े कई वीडियो और फोटो जारी किए हैं और आरोप लगाया है कि पहले जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनंत सिंह के काफिले पर हमला किया था. उन्होंने गाड़ियों पर जमकर पथराव किया. इसमें आधा दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गंभीर रूप से चोटें आई हैं.
कौन थे दुलारचंद यादव?इंडिया टुडे के कमालुद्दीन अपनी रिपोर्ट में बताते हैं कि दुलारचंद यादव कभी मोकामा के टाल इलाके के कुख्यात अपराधी हुआ करते थे. 80-90 के दशक में दुलारचंद यादव की इलाके में तूती बोलती थी. 90 के दशक में दुलारचंद यादव राजद सुप्रीमो लालू यादव के संपर्क में आए और एक बार मोकामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा. हालांकि चुनाव में उनकी हार हो गई. बाद के दिनों में दुलारचंद अलग-अलग पार्टी और प्रत्याशियों के पक्ष में काम करते रहे. इस बार वह धानुक समाज से आने वाले पीयूष प्रियदर्शी का समर्थन कर रहे थे और जनसुराज प्रत्याशी के लिए लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे थे.
वीडियो: 'रंगदार, बालू माफिया और गुंडा बनेंगे...', बिहार के बच्चे ऐसा क्यों बोल गए?

























