फैशन वर्ल्ड में दिलचस्पी रखने वालों को फैशन शो का बहुत इंतजार होता है. जो लोग फैशन शो के बारे में नहीं जानते हैं उनके लिए; ये एक ऐसा कार्यक्रम होता है जिसमें बड़ी-बड़ी डिजाइनर कंपनियां अगले सीजन के लिए अपने डिजाइन लॉन्च करती हैं. बताती हैं कि अगले सीजन उनकी कंपनी इसी किस्म के, इसी रंग, टेक्स्चर, डिजाइन के कपड़े या एक्सेसरी बनाएगी. ऐसा ही एक समर शो इटली के मिलान में चल रहा था- मिलान फैशन वीक (Milan Fashion Week).
इटली के फैशन शो में मॉडल्स की चप्पल देखकर भारत के लोग क्यों भड़क गए?
मिलान फैशन वीक में लग्जरी कंपनी Prada समर कलेक्शन पेश कर रही थी. इस बीच उसके मॉडल्स कोल्हापुरी चप्पल पहने नजर आए. इवेंट की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है. लोगों को कहना है कि कंपनी को भारतीय कारीगरों को क्रेडिट देना चाहिए था.

मॉडल्स ब्रैंडेड कंपनियों के बनाए कपड़े, बैग, फुटवियर, एक्सेसरी पहनकर अदा बिखेरते, इतराते रैंप पर वॉक कर रहे थे, फैशन दुनिया के फैन्स रैंप के अगल-बगल बैठ तालियां बजा रहे थे. लेकिन इस दौरान ऐसा कुछ हुआ जिसने भारतीयों की भावनाओं को ‘बुरी तरह आहत’ कर दिया है.
दरअसल लग्जरी सामान बनाने वाली कंपनी Prada ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया था. इस कंपनी का सामान लाखों-करोड़ों में बिकता है. बाकी कंपनियों की तरह वो भी अपना समर कलेक्शन प्रजेंट कर रही थी. मॉडल के शरीर पर थे मॉडर्न डिजाइन वाले कपड़े, हाथ में डिजाइनर बैग और पैरों में...पैरों में थी कोल्हापुरी चप्पल (Kolhapuri Chappal).

जी हां, वही चमड़े वाली कोल्हापुरी चप्पल जिसके लिए कहा जाता है कि ये कभी टूटती-फटती नहीं. फैशन शो फॉलो करने वालों ने इस चप्पल को तुरंत पहचान लिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर मॉडल्स की कोल्हापुरी चप्पल पहने फोटो शेयर की जाने लगीं. लोगों ने कंपनी को खूब सुनाया. कहा, इतनी बड़ी नामी कंपनी Prada, लेकिन कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया कि यह पहनावा भारतीय पहनावे से प्रेरित है. उनका कहना था कि कंपनी को क्रेडिट जरूर देना चाहिए था.
भारत की सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट हैं अनिता श्रॉफ अदाजानिया. उन्होंने भी इंस्टाग्राम पर इवेंट की फोटो शेयर करते हुए कहा, “ये कोई डिजाइनर सैंडल नहीं थे. ये कोल्हापुरी चप्पलें हैं.” इंस्टाग्राम पर Diet Sabya नाम से एक फैशन क्रिटिक है. उन्होंने लिखा, "चिड़चिड़ करने वाली आंटी की तरह साउंड नहीं करना चाह रही, लेकिन क्या हम वाकई 1000 यूरो (इस समय करीबन 99,866 रुपये) देकर Prada कोल्हापुरी चप्पल पहनने के लिए तैयार हैं? सिर्फ इसलिए कि यूरोपीय लोग इसे पहनना शुरू करेंगे, कोल्हापुरी चप्पल अचानक से फैशन बन जाएगा? सोचेंगे तो आपको भी इंटरेस्टिंग लगेगा."
एक यूजर ने लिखा, "इसमें नया क्या है? हमारी चीज लो उसे रिब्रांड करो और नया डिजाइन बता कर बेच दो. ये तो शोषण है."
वहीं कुछ ने कहा कि ये लोग इंडियन कल्चर और फैशन से इंस्पायर तो होंगे लेकिन कभी मानेंगे नहीं कि उन्होंने भारतीयों से इंस्पिरेशन ली है. लोग इसलिए भी ज्यादा भड़के हुए हैं क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

Diet Sabya ने लिखा, "नेहरू जैकेट से लेकर कमरबंद, पगड़ी.. स्कार्फ. सबके साथ ऐसा ही हुआ है. हमारे यहां की चीजें लेते हैं और अपना ट्विस्ट देकर बेच देते हैं. मेड इन फ्रांस और मेड इन इटली फैशन की दुनिया में बेंचमार्क की तरह देखे गए हैं. लेकिन अब वेस्टर्न मार्केट ‘मेड इन इंडिया’ चीजों से भरे पड़े हैं."
APRAJITA TOOR की फाउंडर और फुटवियर डिजाइनर अपराजिता तूर ने लिखा, “कोल्हापुरी चप्पल जैसी चीजें भारतीय डिजाइन को ग्लोबल मार्केट में देखकर बिल्कुल अच्छा लगता है, लेकिन जहां की चीज है उसे क्रेडिट देना भी जरूरी होता है. ये सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, विरासत है. जिन लोगों ने उस विरासत को जिंदा रखा है उन्हें श्रेय जरूर मिलना चाहिए. अगर दुनिया इस क्राफ्ट को देख रही है तो इसे इंस्पायर करने वाले कारीगरों की पूरी कहानी भी सुनाई जानी चाहिए.”
लोगों का कहना है कि उन्हें मॉडलों के कोल्हापुरी चप्पल से कोई एतराज नहीं है, लेकिन अगर बेच ही रहे हैं तो उन पर कोल्हापुर का टैग लगा होना चाहिए. इंटरव्यू में उन कारीगरों की कहानी बताई जाए और उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट दिया जाए. बहरहाल, फिलहाल Prada की तरफ से इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है.
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