मध्य प्रदेश के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. इन पर आरोप है कि ये कपड़े बदल रही छात्राओं की कथित तौर पर चुपके से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे. गिरफ्तार छात्रों में से एक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का नगर सचिव बताया गया है. वहीं, एक आरोपी छात्र फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. दूसरी तरफ, ABVP का कहना है कि पुलिस ने छात्रों के फोन की जांच की. लेकिन उन्हें आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिले.
ABVP नेता सहित 3 छात्र अरेस्ट, 'कपड़े बदल रहीं छात्राओं को छुपकर देखा, वीडियो बनाया'
मध्य प्रदेश के मंदसौर के एक कॉलेज के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान कुछ छात्राएं कैंटीन रूम में कपड़े बदलने गई थीं. आरोप है कि इसी दौरान उनकी रिकॉर्डिंग की गई. जिले के SP ने बताया कि गिरफ्तार छात्रों के मोबाइल फोन फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिए गए हैं. उधर, ABVP ने वीडियो रिकॉर्डिंग के आरोपों को गलत बताया है.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला मंदसौर जिले के एक सरकारी कॉलेज का है. मंगलवार 14 अक्टूबर को यहां यूथ फेस्टिवल था. इसी के एक कल्चरल इवेंट में हिस्सा लेने के लिए कुछ छात्राएं कॉलेज के कैंटीन रूम में कपड़े बदलने गई थीं. आरोप है कि इसी दौरान चार छात्र यहां पहुंचे और उन्होंने कथित तौर पर कपड़े बदलती छात्राओं की रिकॉर्डिंग की. छात्राओं ने इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की. इसके बाद उन्होंने पुलिस में छात्रों की शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने क्या बताया?मंदसौर के पुलिस अधीक्षक (SP) विनोद मीणा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर चार छात्र चुपके से कैंटीन रूम में घुसते और चेंजिंग रूम में तैयार हो रही छात्राओं की तस्वीरें और वीडियो बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं. तीन छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है. चौथे की तलाश की जा रही है. सीसीटीवी फुटेज में चार लड़के खिड़की से झांकते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं. केस दर्ज कर लिया गया है. गिरफ्तार छात्रों के मोबाइल फोन फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिए गए हैं.
सभी आरोपी छात्र 20 से 22 साल के बीच के हैं. उनकी पहचान उमेश जोशी, अजय गौड़ और हिमांशु बैरागी के रूप में हुई है. जोशी बीजेपी के छात्र संगठन ABVP का नगर सचिव था. घटना के बाद उसे पद से हटा दिया गया. दूसरी तरफ, ABVP ने दावा किया कि ये चारों छात्र कॉलेज के कैंटीन रूम की जांच करने गए थे क्योंकि वहां पहले भी कई संदिग्ध काम हो चुके हैं.
ABVP का क्या कहना है?संगठन की राष्ट्रीय सचिव कुमारी शालिनी वर्मा ने कहा कि इस मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. वह कमरा लड़कियों का कॉमन रूम नहीं था. कुछ छात्राओं को गलती से लगा कि उनके फोटो और वीडियो लिए गए हैं. शालिनी वर्मा का दावा है कि इसके बाद लड़कियों ने प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी. प्रिंसिपल ने फिर सीसीटीवी फुटेज देखी और पुलिस को सूचित किया. पुलिस तीन छात्रों को थाने ले गई, उनके फोन चेक किए, लेकिन कोई तस्वीर या वीडियो नहीं मिला.
उधर, मामले की जांच कर रहे एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि लड़कियों का वास्तव में वीडियो बनाया गया था. फिर भी पुलिस कानून के मुताबिक एक्शन ले रही है. गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है. उनके फोन की विस्तार से जांच की जा रही है.
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