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"मोदी देश बेच देंगे और चले जाएंगे", मल्लिकार्जुन खरगे का पीएम पर सबसे बड़ा हमला

Mallikarjun Kharge ने कहा कि मोदी सरकार आरक्षण को भी कमजोर कर रही है. सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC के लिए आरक्षण लगातार कम किया जा रहा है.

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मल्लिकार्जुन खरगे ने EVM पर एक बार फिर से सवाल उठाया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी प्रक्रिया में EVM के इस्तेमाल पर एक बार फिर से सवाल उठाया है. इस दौरान खरगे ने कहा कि दुनिया भर के तमाम विकसित देश EVM को छोड़ बैलेट पेपर की ओर लौट रहे हैं. और एक हम हैं जो अब भी EVM पर ही निर्भर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने ‘चुनावी फायदे’ के लिए EVM का इस्तेमाल कर रही है. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. कहा कि BJP सरकार पूरे देश को बेचकर चली जाएगी.

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गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अधिवेशन में मल्लिकार्जुन खरगे पहुंचे हैं. इस दौरान बुधवार, 9 अप्रैल को उन्होंने अपने संबोधन में पीएम मोदी और बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा, “अगर यही चलता रहा, तो मोदी जी देश बेच देंगे और चले जाएंगे. सरकार आरक्षण को भी कमजोर कर रही है. सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC के लिए आरक्षण लगातार कम किया जा रहा है."

कांग्रेस प्रमुख ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, “देश में हालात इतने खराब हैं कि युवा विदेशों में जाकर बस रहे हैं. देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. जो युवा बेरोजगारी से बचने के लिए विदेश गए. उन्हें जंजीरों में बांधकर वापस लाया जा रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस पर चुप हैं.”

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उन्होंने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके अधीन कोई भी संवैधानिक संस्था सुरक्षित नहीं है. यहां तक कि चुनाव आयोग भी नहीं. खरगे ने आगे कहा कि EVM की पूरी व्यवस्था विपक्ष को हराने के लिए बनाई गई है. विकसित देश बैलेट पेपर पर लौट चुके हैं. लेकिन हम अभी भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर अटके हैं. खरगे ने कहा कि भारत का विकास 2014 से पहले भी हुआ था. लेकिन भाजपा बार-बार यह दावा करती है कि विकास की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के शासन के बाद ही हुई है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि आज एयरपोर्ट से लेकर बंदरगाह और खनन से लेकर सभी सार्वजनिक संपत्तियां ‘उद्योगपति मित्रों’ को सौंपी जा रही हैं. जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. इसे समय रहते हुए रोकना होगा. बता दें कि कांग्रेस ने छह दशकों में पहली बार गुजरात में अखिल भारतीय अधिवेशन आयोजित किया है. BJP का गढ़ माने जाने वाले इस राज्य में कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जनसंदेश देने की कोशिश की है.

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