15 साल पुराने बेलांव हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चार लोगों को बरी कर दिया गया है. अदालत ने धनंजय सिंह के साथ आशुतोष, पुनीत और सुनीत सिंह को भी बरी करने का फैसला सुनाया है. यूपी के जौनपुर के बेलांव में 2010 में ये डबल मर्डर हुआ था.
चर्चित बेलांव हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह बरी, फैसला आते ही BSP को घेर लिया
साल 2010 में बेलांव घाट बैरियर के पास टोल टैक्स के विवाद में संजय निषाद व नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोप लगा कि ठेकेदारी की रंजिश को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया. पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह व सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

कोर्ट के फैसले पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा,
मुझे पूरी उम्मीद थी कि न्यायपालिका से न्याय मिलेगा. क्योंकि, मामला पूरी तरह से पॉलिटिकल मोटिवेटेड था. उस वक्त मैं बसपा से सांसद था और अमर सिंह से मिलने जेल में चला गया था. उसके बाद मेरा पार्टी से निष्कासन कर दिया गया था. मुझे जिले में आने से रोका गया था और धारा 144 भी लगा दी गई थी.
धनंजय सिंह ने पूरा ठीकरा मायावती की पार्टी बीएसपी पर ही फोड़ दिया. 2007 से 2012 तक यूपी में बसपा की ही सरकार थी. और धनंजय सिंह 2009 लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट से जीतकर सांसद बने थे.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक फैसले के बाद धनंजय सिंह ने कहा,
जनवरी-फरवरी 2010 के आसपास एक हत्या हुई थी, जिसमें 2011 नवंबर में मेरा नाम शामिल करवा दिया गया था. मैंने पार्टी में माफी नहीं मांगी थी जिसके चलते ये सब हुआ. एक बार इसमें CB-CID की रिपोर्ट लग चुकी थी. फिर इसमें दोबारा CB-CID की रिपोर्ट लगी. 15 साल का समय लगा लेकिन आखिरकार न्याय मिल गया.
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 में बेलांव घाट बैरियर के पास टोल टैक्स के विवाद में संजय निषाद व नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोप लगा कि ठेकेदारी की रंजिश को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया. पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह व सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
इस मामले में 20 गवाह भी पेश किए गए थे, लेकिन कोर्ट में आरोप साबित नहीं हो पाए. आखिरकार जज मोहम्मद शारिक सिद्दीकी की सबूतों के अभाव में धनंजय सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
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