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लड़की के साथ बैठे मुस्लिम युवक को घसीट कर ले गए, इतना मारा जान चली गई

Maharashtra Lynching: पुलिस का कहना है कि युवक एक लड़की के साथ कैफे में बैठा था. तभी आठ-दस लोग वहां पहुंचे और उसका मोबाइल छीनकर उसको चेक करने लगे. फोन में एक तस्वीर देखकर, उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे कैफे से घसीटकर बाहर ले गए.

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मृतक सुलेमान रहीम खान. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

महाराष्ट्र के जलगांव जिले के एक गांव में कुछ लोगों ने 21 साल के एक युवक का अपहरण किया और फिर उसे पीट-पीटकर मार (Maharashtra Lynching) डाला. उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बचाने की कोशिश की, तो उन पर भी हमला किया गया. पुलिस का कहना है कि युवक दूसरे समुदाय की 17 साल की एक लड़की का करीबी था. मामले में आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई है. 

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 11 अगस्त की है. पुलिस ने 13 अगस्त को मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मृतक का नाम सुलेमान रहीम खान है. घटना वाली सुबह वो पुलिस भर्ती के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए अपने गांव छोटा बेटावत से निकला था. वो अपने घर से 15 किलोमीटर दूर जामनेर के लिए निकला. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोपहर करीब साढ़े तीन बजे, वो एक लड़की के साथ एक कैफे में बैठा था. तभी आठ-दस लोग वहां पहुंचे और उसका मोबाइल फोन छीनकर उसको चेक करने लगे. फोन में एक तस्वीर देखकर, उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे कैफे से घसीटकर बाहर ले गए.

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अधिकारी ने बताया कि युवक को उसके गांव ले जाया गया, जहां उसकी परेड कराई गई और बार-बार उस पर हमला किया गया. उसे कई जगहों पर घुमाया गया. अंत में उसके घर के पास उसे डंडे से मारा गया. अधिकारी ने कहा, ‘जब युवक के माता-पिता और बहन ने उसे बचाने की कोशिश की, तो लोगों ने उन पर भी हमला किया.’ पिटाई की वजह से युवक बेहोश हो गया. अधिकारी ने बताया, ‘आरोपी उसे मरा हुआ समझकर उसके घर के बाहर छोड़ गए.’

गांव के लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पोस्टमॉर्टम और पंचनामा की कार्रवाई के बाद, शव परिवार को सौंप दिया गया. युवक के पिता रहीम ने कहा,

सुलेमान मेरा इकलौता बेटा था और पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था. लगभग 15 लोग उसे हमारे घर के पास ले आए. वो उसे लात-घूंसों से पीट रहे थे, कुछ ने तो उसे डंडों से भी पीटा. गांव वालों ने हमें सूचना दी और हम अपने बेटे को बचाने दौड़े. वो बहुत आक्रामक थे और उनमें से कुछ ने मुझे भी पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने मेरी पत्नी, बेटी और मेरे 80 साल के पिता को भी नहीं बख्शा. उन्हें भी लात-घूंसे मारे गए.

मेरे बेटे के शरीर से खून बह रहा था. शरीर का एक भी हिस्सा बिना जख्म के नहीं था. उन्होंने गांव वालों को धमकाया, इसलिए कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. मेरे बेटे का किसी लड़की के साथ अफेयर नहीं था. अफेयर की बात पूरी तरह झूठी है. उन्होंने बस मेरे बेटे को निशाना बनाया.

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अब तक गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से चार को 12 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया और 18 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने उनकी पहचान अभिषेक राजकुमार राजपूत (22), घनश्याम उर्फ सूरज बिहारी लाल शर्मा (25), दीपक बाजीराव (20) और रंजत उर्फ रंजीत रामकृष्ण मटाडे (48) के रूप में की है.

गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए जामनेर पुलिस निरीक्षक मुरलीधर कासर ने कहा कि आदित्य देवड़े, कृष्णा, शेजवाल और ऋषिकेश को 13 अगस्त को जलगांव के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया. इन सभी की उम्र 20 साल के आसपास है. उन्हें 14 अगस्त को अदालत में पेश किया जाएगा.

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