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अन्ना हजारे 30 जनवरी से आमरण अनशन करेंगे, अब इस मांग पर सरकार को घेरेंगे

Anna Andolan: वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी से अहमदनगर के रालेगणसिद्धी में आमरण अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार जनता की भलाई के लिए होती है, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं.

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समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी नए आंदोलन की जानकारी. (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर आंदोलन का ऐलान कर दिया है. इस बार उनका आंदोलन महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ होगा. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी से अहमदनगर के रालेगणसिद्धी में आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस बार वह लोकायुक्त कानून लागू कराने को लेकर आंदोलन करेंगे.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अन्ना हजारे ने गुरुवार 11 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करते हुए कहा कि 2022 में भी उन्होंने लोकायुक्त कानून की मांग को लेकर रालेगणसिद्धी में अनशन किया था. उस समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि मंत्री ने दखल देकर उनका अनशन उन्हें अनशन खत्म कराया था. 

दरअसल उस दौरान देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने कमेटी बनाकर कानून का ड्राफ्ट भी तैयार किया था. दोनों सदनों में कानून पास होने के बाद फाइल राष्ट्रपति के पास भेजी गई थी. लेकिन इसके बावजूद आज तक यह कानून लागू नहीं हुआ. इसे लेकर ही अन्ना हजारे ने नाराजगी जताई. 

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रालेगणसिद्धी में पत्रकारों से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने 7 बार फडणवीस को चिट्ठी लिखकर इस मुद्दे पर जवाब मांगा. लेकिन उनके तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. अगर कानून जनता के हित का है तो सरकार को इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है. सरकार जनता की भलाई के लिए होती है, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं. लोकायुक्त कानून को लेकर वह 30 जनवरी से आमरण अनशन करेंगे.

अन्ना के पुराने आंदोलन का हाल

यह पहली बार नहीं है जब अन्ना हजारे आंदोलन के लिए बैठ हों. उनका सबसे बड़ा आंदोलन साल अप्रैल 2011 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ हुआ था. तब देश में 2G, कॉमनवेल्थ जैसे बड़े भ्रष्टाचार घोटाले के माहौल के बीच अन्ना ने मजबूत लोकपाल कानून बनाने की मांग थी. उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में यह अनशन किया था, जो काफी दिनों तक चला था. इसकी चर्चा पूरे देशभर में हुई थी. दिसंबर 2013 में सरकार ने उनकी मांगें मानते हुए लोकपाल कानून संसद में पारित किया, जिसके बाद अन्ना ने आंदोलन खत्म पूरा करने का फैसला किया.

2003–2006 के बीच भी अन्ना ने महाराष्ट्र में RTI के लिए आंदोलन किया था. उनके आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने RTI कानून को लागू किया. इसके बाद साल 2005 में भी केंद्र सरकार ने भी नेशनल RTI कानून लागू किया. अन्ना की यह बड़ी जीत मानी गई. इसके अलावा 2013–2014 में भी उन्होंने किसानों और भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे को लेकर आंदोलन किया था.

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साल 2018 में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए आंदोलन किया. सरकार ने MSP और किसान मुद्दों पर सुधारों का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद अन्ना ने अनशन खत्म किया.

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