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मध्यप्रदेश में सार्थक ऐप का 'सार्थक' इस्तेमाल, क्लिनिक में आए बिना ही हाजिरी लगा रहे डॉक्टर्स

मध्यप्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था की गई. इसके लिए सार्थक ऐप लाया गया. लेकिन इसमें भी फर्जीवाड़ा होने लगा. आरोप है कि कई डॉक्टर अपने क्लिनिक से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर हाजिरी लगा रहे थे.

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मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक के डॉक्टर्स फर्जी अटेंडेंस बना रहे थे. (वीडियोग्रैब)

ईश्वर को मानने वाले कहते हैं वो हाजिर भी है और नाजिर भी. यानी वो मौजूद है, लेकिन बिना दिखे सब कुछ देख रहा है. धरती पर डॉक्टरों को भी 'भगवान' कहा जाता है. लेकिन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कुछ डॉक्टर्स ने लगता है इस तुलना को सच मान लिया है. तभी तो उनकी हाजिरी लग रही थी, लेकिन वो क्लिनिक से गायब थे.

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दरअसल मध्यप्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था की गई. इसके लिए सार्थक ऐप लाया गया. लेकिन इसमें भी फर्जीवाड़ा होने लगा. आरोप है कि कई डॉक्टर अपने क्लिनिक से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर हाजिरी लगा रहे थे.

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) का ऑफिस सार्थक ऐप की नियमित मॉनिटरिंग करता है. इस मॉनिटरिंग में भोपाल के 'मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक' के डॉक्टरों की ‘चोरी’ पकड़ी गई. पता चला कि कई डॉक्टर्स सार्थक ऐप का दुरुपयोग करके फर्जी अटेंडेंस बना रहे थे.

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सार्थक ऐप की मॉनिटरिंग में मिली जानकारी के आधार पर CMHO ऑफिस ने 13 डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश दिए हैं, जबकि 25 डॉक्टरों को गलत तरीके से अटेंडेंस बनाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

CMHO ऑफिस की मॉनिटरिंग में खुलासा हुआ कि गौतम नगर स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक में तैनात एक डॉक्टर कभी-कभी 500 किलोमीटर दूर से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था. ज्यादातर ये डॉक्टर साहब रोजाना की हाजिरी क्लिनिक से करीब 11 किलोमीटर दूर से लगा रहे थे. यानी हाजिरी लगाकर भी डॉक्टर साहब ड्यूटी से गायब रहते थे.

इसी तरह बाग मुगलिया इलाके के संजीवनी क्लिनिक से भी एक गड़बड़ी सामने आई है. यहां डॉक्टर मिन्हाज की आईडी से अपलोड की गई अलग-अलग तस्वीरों में अलग-अलग आदमी दिखाई दे रहे थे. यानी अटेंडेंस लगाने के लिए डॉक्टर साहब की जगह किसी और ने अपनी तस्वीर अपलोड कर दी.

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इंडिया टुडे से बात करते हुए भोपाल के CMHO मनीष शर्मा ने बताया कि संजीवनी क्लिनिक गरीबों और जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए शुरू किए गए हैं. डॉक्टरों की गैरहाजिरी मरीजों को नुकसान पहुंचाती है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. CMHO ने आगे कहा कि सार्थक ऐप की और कड़ी निगरानी की जाएगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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