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डिजिटल रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं था मोबाइल, लाइन से हटाया तो बुजुर्ग ने अस्पताल से कूदकर जान दे दी

83 साल के सुखदेव सिंह Lucknow के भाऊराव देवरस अस्पताल में वायरल इन्फेक्शन और डॉयबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज कराने गए थे. अस्पताल प्रशासन ने तुरंत 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया, सीसीटीवी फुटेज की जांच की और अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. वहीं, जरूरी कानूनी कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

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लखनऊ का भाऊराव देवरस अस्पताल.

आज के दौर में डिजिटल दुनिया में अपनी मौजूदगी न दर्ज करा पाना किसी की मौत का कारण भी बन सकता है. ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है. यहां एक 84 साल के बुजर्ग ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. दावा किया जा रहा है अस्पताल की OPD में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उनके पास स्मार्ट फोन नहीं था. काफी देर लाइन में लगकर जब डॉक्टर को दिखाने की बारी आई तो बुजुर्ग को रजिस्ट्रेशन न करा पाने का हवाला देते हुए लाइन से हटा दिया गया. इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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आजतक के इनपुट के मुताबिक, जान गंवाने वाले बुजुर्ग की पहचान ओल्ड महानगर निवासी सुखदेव सिंह (83) की रूप में हुई है. वह सोमवार 1 सितंबर को भाऊराव देवरस अस्पताल में वायरल इन्फेक्शन और डॉयबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज कराने गए थे. इसी कड़ी में वह डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए पर्चा काउंटर की कतार में लगे थे. तभी उनका नंबर आने पर एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि OPD रजिस्ट्रेशन सिर्फ आभा ऐप के जरिए ही मुमकिन है. 

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लेकिन बुजुर्ग ने उसे बताया कि उनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है. इसके बाद उन्हें कथित तौर पर लाइन से बाहर कर दिया गया. दावा है कि इससे आहत होकर बुजुर्ग ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. दोपहर करीब एक बजे अस्पताल के पिछले हिस्से में किसी के गिरने की जोरदार आवाज सुनाई दी. आनन-फानन में अर्बन हेल्थ पोस्ट के संचालक खून से लथपथ सुखदेव सिंह को इमरजेंसी में लेकर पहुंचे. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

अस्पताल प्रशासन ने तुरंत 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया, सीसीटीवी फुटेज की जांच की और अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. वहीं, जरूरी कानूनी कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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