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'लेह एपेक्स बॉडी' ने केंद्र से बातचीत तोड़ी, 'एंटी-नेशनल' कहने पर माफी की मांग

Ladakh Apex Body और Kargil Democratic Alliance ही वो दो संगठन हैं जो साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.

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लेह में तनाव के बाद तैनात सुरक्षाबल (PHOTO-India Today/PTI)

लेह-लद्दाख (Leh Ladakh Tension) में शुरू हुआ तनाव कम होता नहीं दिख रहा है. लेह-लद्दाख की ओर से केंद्र सरकार से बात करने वाली 'लेह एपेक्स बॉडी' (Leh Apex Body-LAB) ने एलान किया है कि अब केंद्र के साथ बातचीत स्थगित रहेगी. एपेक्स बॉडी की मांग है कि 24 सितंबर को हुई फायरिंग (Ladakh Firing), जिसमें 4 लोग मारे गए थे, उसकी निष्पक्ष न्यायिक जांच हो. केंद्र की लद्दाख एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (Kargil Democratic Alliance - KDA) से 6 अक्टूबर को वार्ता होनी है. लेकिन अब चार लोगों की मौत और उसके बाद सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की गिरफ्तारी के बाद ये वार्ता लगभग फेल होती दिख रही है.

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एंटी-नेशनल कहने पर नाराज हैं लद्दाख के लोग

LAB, और KDA ही वो दो संगठन हैं जो साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. LAB और KDA ने लद्दाखी प्रदर्शनकारियों को 'राष्ट्र-विरोधी' और ‘पाकिस्तान के हाथों कंट्रोल होने वाला’ कहने के लिए केंद्र से माफी की भी मांग की है. लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश है. लिहाजा इसपर केंद्र का पूरा कंट्रोल है. LAB और KDA का आरोप है कि केंद्र के प्रशासन ने आंदोलन को ठीक से नहीं समझा. KDA के नेता सज्जाद कारगिली कहते हैं

जिस तरह से गोलियां चलाई गईं, कई लोग इसमें घायल हुए थे. इसके लिए कोई जवाबदेही होनी चाहिए. ये एक बहुत बड़ा उदाहरण है कि हमें लोकतंत्र क्यों चाहिए.

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सज्जाद कारगिली ने फायरिंग और लोगों के घायल होने के मामले में एक निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है. इसके अलावा लद्दाख के प्रमुख चेहरों में से एक, क्लाइमेट एक्टिविस्ट और लद्दाख राज्य के लिए आंदोलनकारी सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी ने क्षेत्र के लोगों में गुस्से को और बढ़ा दिया है. फिलहाल सोनम को जोधपुर की जेल में रखा गया है. उनके समर्थकों का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी ने लद्दाख के संघर्ष को देशव्यापी रूप दे दिया है. अब इस आंदोलन को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. 

बिना शर्त सोनम की रिहाई की मांग

KDA ने लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक और अन्य लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है. KDA के कारगिली ने कहा

लद्दाख के संघर्षों के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद, यह मुद्दा और लद्दाख की मांगें देश के हर घर तक पहुंच गई हैं.

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वहीं वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने उन पर पाकिस्तान से जुड़े होने या हिंसा भड़काने के आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि वह गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. सीआरपीएफ की कार्रवाई के बाद ही यह आंदोलन उग्र हुआ था. उन्होंने पूछा कि सीआरपीएफ को अपने ही लोगों, अपने ही युवाओं पर गोली चलाने का अधिकार किसने दिया?

2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से ही राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए वहां आंदोलन जारी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रयोग लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में बुरी तरह फेल रहा है. फिलहाल, लेह एपेक्स बॉडी के वार्ता से हटने के बाद, यह देखना बाकी है कि 6 अक्टूबर को केंद्र और लद्दाख के नेताओं के बीच होने वाली आगामी बातचीत कैसे आगे बढ़ती है.

वीडियो: इंटरव्यूू: लेह-लद्दाख प्रोटेस्ट, बीजेपी ऑफिस पर हमले से लेकर वायरल वीडियो पर सोनम वांगचुक क्या बता गए?

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