जम्मू-कश्मीर के अखाल (Operation Akhal) के जंगलों में बीते 9 दिनों से एनकाउंटर (Kulgam Encounter) चल रहा है. 1 अगस्त 2025 से शुरू हुए इस एनकाउंटर में इंडियन आर्मी (Indian Army) के दो जवान शहीद हो गए हैं. शहीद हुए जवानों के नाम लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह हैं. ये इंडियन आर्मी के राष्ट्रीय राइफल्स (Rashtriya Rifles) की 19वीं बटालियन (19RR) के जवान थे. इंडियन आर्मी की चिनार कोर (Chinar Corps) यानी 15 कोर ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी साझा की है. आर्मी ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों जवानों का बलिदान और समर्पण देश को हमेशा प्रेरित करेगा.
कुलगाम में 2 जवान शहीद, 9 दिनों से चल रही मुठभेड़, अब तक मारे गए 5 आतंकी
Jammu Kashmir के Kulgam में Operation Akhal 1 अगस्त से शुरू हुआ था. सेना ने खुफिया इनपुट के आधार पर अखाल के जंगलों में कॉर्डन (घेराबंदी) और सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. क्यों इतना लंबा चल रहा ये सैन्य ऑपरेशन? सब पता लगा है.

सेना ने खुफिया इनपुट के आधार पर अखाल के जंगलों में कॉर्डन (घेराबंदी) और सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. अब तक इस ऑपरेशन में 5 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं. जबकि अभी कम से कम तीन और आतंकी जंगल में छुपे हुए हैं. अब तक मुठभेड़ में कुल दो जवान शहीद और दस जवान घायल हो चुके हैं. अखाल दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में पड़ने वाला एक पहाड़ी जंगल है, जिसमें कोई रास्ता नहीं है.
सुरक्षाबल जब भी ऐसे इलाके में कॉर्डन लगाते हैं तो उन्हें अपनी ट्रेनिंग और विवेक के आधार पर घेरा लगाना होता है. अगर उनपर फायर आता है तो ये पता लगाना भी मुश्किल होता है कि गोली किस दिशा से आई है. इस एरिया में आवाज भी गूंजती है, ऐसे में आवाज सुनकर भी लोकेशन पता लगाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन इंडियन आर्मी अपनी ट्रेनिंग के दम पर इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए आतंकियों से लोहा लेती है.

सेना के सूत्रों के अनुसार, कम से कम तीन आतंकवादी अब भी इन घने जंगलों में छिपे हुए हैं. जंगल में आतंकी प्राकृतिक गुफाओं जैसे ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सुरक्षाबलों ने कड़ी घेराबंदी कर रखी है और घने जंगलों में अब भी आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है. सुरक्षाबल आतंकियों की लोकेशन का पता लगाने के लिए ड्रोन्स और हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही पैराशूट रेजिमेंट के पैरा कमांडो भी इस ऑपरेशन का हिस्सा हैं जो जंगल वॉरफेयर में एक्सपर्ट माने जाते हैं.
1 अगस्त से ही इस इलाके में गोलियों की आवाज गूंज रही है. छिपे हुए आतंकियों का संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है. आतंकियों के पास भारी मात्रा में हथियार हैं इसलिए वो सेना पर फायरिंग कर अपनी पोजीशन बदल रहे हैं. उनके पास नाईट विजन डिवाइस और लंबी दूरी तक मार करने वाली राइफल्स हैं. इन सबसे ये जाहिर है कि आतंकियों को पाकिस्तानी आर्मी ने ये उन्नत गियर्स और हथियार दिए हैं. क्योंकि किसी आतंकी संगठन के पास इस तरह के हथियार या नाईट विजन डिवाइस होना चौंकाने वाला है. फिलहाल एनकाउंटर के बीच अखाल गांव में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने लोकल लोगों की मदद के लिए को-ऑर्डिनेटर्स नियुक्त किए हैं जो आम लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं.
वीडियो: ऑपरेशन अखाल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सेना का ऑपरेशन, कैसे हुआ एनकाउंटर?