गुजरात के खेड़ा जिले में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश न सिर्फ इंसानों के लिए मुसीबत बनी. बल्कि इलाके में मौजूद बंदर भी इससे काफी परेशान हुए. यहां एक गांव में करीब 50 बंदर अलग-अलग पेड़ों पर चढ़े हुए थे. तभी भारी बारिश के कारण एक तालाब पूरी तरह से भर गया, जिसके बीच में सारे पेड़ हैं, जिन पर बंदर चढ़े हुए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने लंबी सीढ़ी बनाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसका वीडियो भी सामने आया है.
5 दिन से पेड़ पर फंसे थे 50 बंदर, चारों तरफ बाढ़ का पानी, ग्रामीणों को पता चला तो ऐसे बचाया
Kheda 50 Monkeys Rescue Video: खेड़ा जिले के एक गांव में करीब 50 बंदर अलग-अलग पेड़ों पर चढ़े हुए थे. तभी भारी बारिश के कारण एक तालाब पूरी तरह से भर गया, इस तालाब के बीच में ही वो सारे पेड़ हैं, जिन पर बंदर चढ़े हुए थे. इस वजह से ये बंदर पेड़ पर ही फंस गए. इसके बाद गांव वालों ने बंदरों को बचाया. बंदरों को बचाने का वीडियो भी आया है.

बताया जा रहा है कि इन बंदरों को करीब पांच दिनों तक पेड़ों पर ही रहना पड़ा. घटना महमदाबाद के रुदन गांव में मौजूद डकनिया तालाब की है. आजतक से जुड़ीं हेताली शाह की खबर के मुताबिक, बीते हफ्ते महमदावाद में इतनी बारिश हुई कि तालाब का जलस्तर बढ़ गया. जैसे ही तालाब में पानी बढ़ा, लगभग 50 बंदर बीच में बबूल के पेड़ों पर फंस गए.
बंदरों के पास पेड़ से उतरकर कहीं जाने का कोई रास्ता ही नहीं बचा. ऐसे में वो बीते पांच दिनों से तालाब में फंसे हुए थे. जब गांव के सरपंच विजयभाई सोलंकी और स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला, तो वो तुरंत तालाब के पास पहुंचे. सरपंच और स्थानीय लोगों ने बांसों से एक लंबी सीढ़ी बनाई और इसे बबूल के पेड़ तक लगा दिया. ऐसे में धीरे-धीरे सारे बंदर उतरकर तालाब से बाहर आ गए.
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गुजरात में भारी बारिशबताते चलें, बीते पूरे हफ्ते गुजरात में भारी बारिश हुई है. जिन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश हुई, उनमें खेड़ा, अहमदाबाद , पाटन, अरावली, बनासकांठा शामिल हैं. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार, 27 जुलाई को इमरजेंसी कंट्रोल रूम का दौरा किया और राज्य की स्थिति की समीक्षा की.
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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सुरेन्द्रनगर, पाटन, अरावली, अहमदाबाद, मेहसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा और खेड़ा के जिला कलेक्टरों से भी बातचीत की थी.
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