सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों पर चढ़ाई गई सोने की परत के वजन में आई कमी की विस्तृत जांच होगी. केरल हाई कोर्ट ने इसके लिए ADGP (कानून-व्यवस्था) एच वेंकटेश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. टीम को मामले की जांच तेजी से और किसी भी स्थिति में छह हफ्ते के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है. पूरे मामले में एक ईमेल के हवाले से कई और जानकारियां निकलकर सामने आई हैं.
सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों का सोना लड़की की शादी में लगा दिया? ईमेल से कोर्ट भी चौंक गया
Sabarimala Gold Loss Row: केरल हाई कोर्ट में जस्टिस राजा विजयराघवन वी और केवी जयकुमार की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई चल रही है. अदालती दस्तावेजों में एक ईमेल का जिक्र है. ये ईमेल 9 दिसंबर, 2019 को मंदिर के प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष को भेजा था.


सबरीमाला मंदिर में मूर्तियों को 1999 में आधिकारिक मंजूरी के बाद स्थापित किया गया था. इन पर 40 साल की वॉरंटी थी. लेकिन सिर्फ 6 साल बाद ही प्लेटिंग में खराबी आने लगी. 2019 में मरम्मत और दुबारा सोना चढ़ाने का काम शुरू हुआ.
विवाद तब उठा जब त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) ने 2019 में बिना अदालत या स्पेशल कमिश्नर को बताए गोल्ड-प्लेटेड प्लेटें उतार दीं. तब उनका वजन 42.8 किलो था. इन्हें बाद में निजी प्रायोजक (Sponsor) भक्त उन्नीकृष्णन पोट्टी ने चेन्नई की कंपनी स्मार्ट क्रिएशन को सौंपा. तब तक प्लेटों का वजन घटकर 38.25 किलो रह गया था. प्लेटिंग के बाद वजन थोड़ा बढ़कर 38.65 किलो हुआ. लेकिन फिर भी मूल वजन से बहुत कम रहा.
केरल हाई कोर्ट में जस्टिस राजा विजयराघवन वी और केवी जयकुमार की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई चल रही है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालती दस्तावेजों में एक ईमेल का जिक्र है. ये ईमेल 9 दिसंबर, 2019 को मंदिर के प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष को भेजा था.
पोट्टी ने ईमेल में लिखा कि ‘गर्भगृह के मुख्य द्वार और द्वारपालकों की मूर्तियों’ पर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा होने के बाद कुछ सोना बचा है. उन्होंने TDB के साथ अपने 'तालमेल' पर जोर दिया और बचे हुए सोने का इस्तेमाल एक लड़की की शादी में करने की अनुमति मांगी.
इंडिया टुडे को ये ईमेल मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें लिखा है,
मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि सबरीमाला गर्भगृह के मुख्य द्वार और द्वारपालक के सोने के काम को पूरा करने के बाद मेरे पास कुछ सोना बचा है. मैं इसका इस्तेमाल TDB के समन्वय में एक लड़की की शादी के लिए करना चाहता हूं, जिसे समर्थन और मदद की जरूरत है. कृपया इस संबंध में अपनी बहुमूल्य राय दें.
रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने इस खुलासे को ‘परेशान करने वाला’ बताया. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि इससे मामले में मौजूद अनियमितताएं उजागर हो गई हैं. कोर्ट ने कहा,
ये दिखाता है कि किस तरह कुछ देवस्वोम अधिकारियों ने पोट्टी के साथ मिलकर काम किया और मंदिर की संपत्ति की पवित्रता और भक्तों का उनमें व्यक्त विश्वास, दोनों को धोखा दिया.
अब आगे SIT इस मामले में सामने आई विसंगतियों पर जांच करेगी. केरल हाई कोर्ट ने जांच के लिए ADGP (कानून-व्यवस्था) एच वेंकटेश की अध्यक्षता में जो SIT गठित की है, उसे अगले छह हफ्ते में जांच पूरी कर रिपोर्ट देनी है.
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