कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Siddaramaiah) मंगलवार 2 दिसंबर की सुबह डिप्टी मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के घर पहुंचे. राज्य में नेतृत्व बदलाव की खबरों के बीच दोनों नेताओं ने ब्रेकफास्ट टेबल पर मीटिंग की. दोनों नेताओं ने नाश्ते की मेज पर करीब 45 मिनट तक मीटिंग की. मीटिंग के बाद दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि वे कर्नाटक में लीडरशिप बदलने पर हाईकमान के फैसले को मानेंगे.
कर्नाटक की सियासत में बड़ा ट्विस्ट: सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार की ब्रेकफास्ट मीटिंग में क्या तय हुआ?
Karnataka Power Tussle: चार दिन में दूसरी बार मिले सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार. इससे पहले 29 नवंबर को बेंगलुरु में सिद्दारमैया के घर हुई थी यह मीटिंग, जब पार्टी हाईकमान ने दोनों से मतभेद सुलझाने को कहा था.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्दारमैया मंगलवार को डीके के सदाशिवनगर स्थित घर पहुंचे. इस मौके पर डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया. वहीं, बेंगलुरु ग्रामीण के सांसद डीके सुरेश ने फूलों से उनका स्वागत और उन्हें शॉल ओढ़ाई. डीके के करीबी रिश्तेदार और कुनिगल से विधायक एच डी रंगनाथ भी नाश्ते में शामिल हुए. ब्रेकफास्ट पूरी तरह से शिवकुमार के घर पर बना था. मेन्यू में इडली, डोसा, उपमा, नाटी चिकन और कॉफी थी.
मीटिंग के बाद डीके ने X (पूर्व में ट्विटर) सीएम सिद्दारमैया के साथ फोटो शेयर करते हुए पर लिखा,
“आज अपने घर पर माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है. हम कर्नाटक के विकास और अपने लोगों की तरक्की के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
इससे पहले एक पोस्ट में डीके ने ब्रेकफास्ट की फोटो शेयर करते हुए लिखा,
“आज मैंने अपने घर पर माननीय CM को नाश्ते पर बुलाया, क्योंकि हम कांग्रेस के विजन के तहत अच्छे शासन और अपने राज्य के लगातार विकास के लिए अपना वादा दोहराते हैं.”
चार दिन से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी ब्रेकफास्ट मीटिंग है. 2 दिसंबर से पहले दोनों नेता 29 नवंबर को बेंगलुरु में सिद्दारमैया के घर पर मिले थे. यह मीटिंग उस समय हुई थी, जब पार्टी हाईकमान ने दोनों नेताओं को आपस में मिल-बैठकर मतभेद सुलझाने की सलाह दी थी.
द हिंदू के मुताबिक, हालांकि इस मीटिंग को ज्यादातर ‘कर्टसी कॉल’ के तौर पर देखा गया. माना जा रहा है कि अब शिवकुमार धीरे-धीरे कर्नाटक की राजनीति के केंद्र में आ रहे हैं. कई लोगों को लगता है कि वे मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के बाद अगले नेता बन सकते हैं. लेकिन अभी इस राह में राज्य के गृह मंत्री और दलित नेता जी. परमेश्वर दावेदार भी है.
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के तहत सरकार बनाई थी. अंदरखाने कहा गया था कि सिद्दारमैया ढाई साल मुख्यमंत्री रहेंगे. फिर उसके बाद डीके को मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठाया जाएगा. लेकिन अब सिद्दारमैया का कथित ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. इसी बीच डीके के करीबी लोग पार्टी हाईकमान को यह वादा दिलाने दिल्ली तक कूच कर चुके हैं. खुद डीके भी राहुल गांधी से मिलने का समय मांग चुके हैं.
लेकिन कांग्रेस पार्टी के कुछ सूत्रों का कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर को खत्म होने के बाद पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों को दिल्ली बुला सकती है. दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेता दोनों के साथ राज्य सरकार में नेतृत्व बदलाव, कैबिनेट में फेरबदल और कर्नाटक कांग्रेस के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
वीडियो: नेतानगरी: सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की लड़ाई कांग्रेस को भारी तो नहीं पड़ जाएगी?



















