उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक स्कूल के पैरेंट्स मीटिंग में विवाद हो गया. आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने बुर्का पहनकर आने पर महिलाओं को अंदर जाने से रोक दिया. पैरेंट्स ने स्कूल प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए हैं. जबकि स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि उन्होंने इसे लेकर पहले ही सबको बता दिया था. उन्होंने विवाद का ठिकरा ‘राइट टू एजुकेशन कानून’ के तहत पढ़ने आए बच्चों पर फोड़ दिया. इससे पहले, ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर्स से जुड़ा विवाद भी कानपुर से ही शुरू हुआ था.
स्कूल PTM में महिलाओं के बुर्का पहनने पर विवाद, प्रिंसिपल बोलीं- 'शिक्षा के अधिकार ने सब गड़बड़ किया'
Kanpur School Burqa Controversy: शनिवार, 27 सितंबर को पैरेंट्स मीटिंग में जो महिलाएं बुर्का पहनकर पहुंची थीं, उन्हें मीटिंग में जाने से रोक दिया गया. महिलाओं ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि ये नियम गलत है.


विवाद चकेरी इलाके के ओम पुरवा में मौजूद न्यू विजन स्कूल में शनिवार, 27 सितंबर को हुआ. 26 सितंबर को स्कूल की तरफ से पेरेंट्स को एक नोटिस जारी किया गया. जिसमें पेरेंट्स मीटिंग में आने वाले लोगों को नकाब न पहनकर आने की बात कही गई. ये भी कहा गया कि जो नकाब पहनकर आए, वो मीटिंग में उसे उतारकर मीटिंग में शामिल हों.
आजतक के इनपुट के मुताबिक, शनिवार, 27 सितंबर को पैरेंट्स मीटिंग में जो महिलाएं बुर्का पहनकर पहुंची थीं, उन्हें मीटिंग में जाने से रोक दिया गया. महिलाओं ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि ये नियम गलत है. इस दौरान पुलिस भी पहुंची. उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, तब जाकर मामला शांत हुआ.
मामले पर प्रिंसिपल का कहना है कि उनके स्कूल में ऐसे नियम पहले से हैं, लेकिन कभी विवाद नहीं हुआ. उन्होंने कहा,
हमारे यहां काफी मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं. उन (मुस्लिम) बच्चियों उनको एक कमरा दिया गया है, जहां वो नकाब उतारकर क्लास जॉइन करती हैं. हमारी दो टीचर्स भी मुस्लिम हैं, वो भी आती हैं तो बुर्का उतार देती हैं. उसके बाद स्कूल में पढ़ाती हैं.
प्रिंसिपल ने दावा किया कि उनके स्कूल में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के बच्चों की संख्या बराबर है. आजतक कोई भेदभाव नहीं हुआ. उन्होंने कहा,
जब से यहां पर RTE वाले बच्चे आने लगे हैं, तब से व्यवस्थाएं बिगड़ने लगी हैं. क्योंकि ये स्वयं स्कूल चॉइस करके आते हैं और हमेशा स्कूल के नियमों को भंग करने की कोशिश करते हैं.
दरअसल, सरकार के राइट टू एजुकेशन कानून के तहत गरीब बच्चों को शहर के महंगे प्राइवेट स्कूल में एडमिशन मिलता है और फ्री में उनकी पढ़ाई होती है. RTE एक्ट, 2009 के तहत हर प्राइवेट स्कूल में 25% सीटें गरीब छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं. उन लोगों के लिए, जो प्राइवेट स्कूलों की फीस अफोर्ड नहीं कर सकते.
बताया गया कि स्कूल में विवाद के दौरान ही शनिवार, 27 सितंबर को छुट्टी हो गई. अब सोमवार, 29 सितंबर को क्या होगा, इसे लेकर तरह-तरह कयास लगाए जा रहे हैं.
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