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'टैरिफ का डिफेंस डील्स पर कोई असर नहीं... ' HAL चेयरमैन ने तेजस MK-1A के ऑर्डर पर भी दी सफाई

HAL Chairman D K Sunil Interview: HAL को कुल 180 LCA MK-1A एयरफोर्स को देने हैं. 2021 में 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का पहला ऑर्डर दिया गया था जिसकी डिलीवरी पिछले साल शुरू होनी थी. अब 97 और विमानों का नया ऑर्डर 25 सितंबर को साइन किया गया.

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HAL चेयरमैन डीके सुनील. (फाइल फोटो: HAL)

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस एमके-1ए बनाने का नया ऑर्डर मिला है. HAL को इससे पहले 83 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया गया था जिसकी डिलीवरी अभी शुरू नहीं हुई है. इसके लिए कंपनी की आलोचना हो रही है. HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने इस बारे में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस कंपनियों को एंगेज रखना जरूरी है. इसके लिए लगातार नए ऑर्डर मिलने चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो सप्लाई चेन टूट सकती है और काम रुक-रुककर होगा.

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डिफेंस डील्स पर टैरिफ का क्या असर होगा?

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में डीके सुनील ने कहा कि LCA MK-1A में लगे जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के F404 इंजन बहुत अच्छे हैं और भरोसेमंद साबित हुए हैं. उनसे पूछा गया कि क्या भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ तनाव का असर रक्षा सौदों पर पड़ेगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा कुछ होगा. उन्होंने कहा,

मेरी राय में, जो बातचीत मैंने GE और अमेरिकी सरकार के अधिकारियों से की है, उसके आधार पर ये (टैरिफ से जुड़ा तनाव) रक्षा क्षेत्र पर बिल्कुल भी असर नहीं डाल रहा है. हमें अब तक कोई नकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं.

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उन्होंने ये भी बताया कि LCA तेजस MK 2 को पावर देने वाले F414 इंजनों के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर, GE के साथ बातचीत चल रही है. ये प्रक्रिया समय ले रही है क्योंकि HAL की ओर से बहुत सावधानी बरती जा रही है, ताकि आगे जाकर किसी तरह की उलझन या समस्या न हो. 

HAL को नया ऑर्डर क्यों मिला?

इसी हफ्ते HAL और रक्षा मंत्रालय के बीच 62,370 करोड़ रुपये की डील हुई है. इसी सौदे के तहत HAL को 97 LCA MK-1A बनाने हैं. डीके सुनील ने इस पर बात करते हुए कहा कि इस फैसले से पता चलता है कि सरकार को HAL पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा,

ये इस बात का सबूत है कि हम अच्छा काम कर रहे हैं, चाहे कुछ नकारात्मक बातें क्यों न कही जा रही हों. सरकार को भरोसा है कि हम ये कर सकते हैं. ये HAL के लिए तो अच्छा है ही, बल्कि उन सभी कंपनियों के लिए भी बढ़िया है जो हम पर निर्भर हैं…

कई छोटी-बड़ी कंपनियां HAL के साथ काम कर रही हैं. जैसे ही ऐसा बड़ा ऑर्डर मिलता है और कई सालों तक काम का भरोसा दिखता है, तो वो भी अपनी योजनाएं बना सकती हैं. इसलिए ये उनके लिए भी बहुत अच्छी खबर है.

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MK-1A की पहली डिलीवरी में इतनी देरी क्यों?

HAL को कुल 180 LCA MK-1A एयरफ़ोर्स को देने हैं. 2021 में 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का पहला ऑर्डर दिया गया था जिसकी डिलीवरी पिछले साल शुरू होनी थी. अब 97 और विमानों का नया ऑर्डर 25 सितंबर को साइन किया गया. डीके सुनील से शुरुआती 83 विमानों की डिलीवरी लगभग डेढ़ साल से ज्यादा देर से शुरू होने के बारे में पूछा गया, इस पर उन्होंने कहा,

हम पहले ही 10 विमान बना चुके हैं. 10 विमान उड़ रहे हैं, 11वां तैयार है. हमने उनका टेस्ट कर लिया है, उड़ाया है और तैयार रखा है. इसके अलावा तीन विमान इंजन के साथ तैयार हैं. यानी एग्जीक्यूशन के स्तर पर कोई समस्या नहीं है. हम ये कर चुके हैं.

हमने नासिक में तीसरी लाइन खोली है, जहां पहला विमान तैयार हो चुका है. अक्टूबर में इसका उद्घाटन होगा. हमने निजी क्षेत्र के साथ मिलकर चौथी असेंबली लाइन भी बनाई है. तो क्षमता और एग्जीक्यूशन की समस्या हमने सुलझा ली है. 

अब सवाल सप्लाई चेन का है. जब तक 83 विमानों का काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद हम 97 और देंगे. असली दिक्कत सप्लाई चेन में है. अगर आपको याद हो, पिछले 40 तेजस MK-1 विमानों के लिए हमने GE Aerospace से इंजन लिए थे. लेकिन फिर काफी लंबा गैप आ गया और GE ने 404 इंजन की लाइन बंद कर दी, क्योंकि उनके पास ऑर्डर ही नहीं थे.

उन्होंने आगे कहा कि HAL हर छोटे से छोटे पहलू को ध्यान से देख रहा है, कैसे प्रोडक्शन होगा, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के क्या-क्या बिंदु होंगे, सब पर नजर रखी जा रही है. ऐसा इसिलिये क्योंकि आगे जाकर किसी तरह की उलझन या समस्या न हो.

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