मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है. एक बार फिर उन्होंने ऐसा ही बयान दिया है, जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना हो रही है. इंदौर में दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर्स के साथ यौन उत्पीड़न मामले पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को इससे सबक सीखना चाहिए. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत 2025 में ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप (ICC Women’s Cricket World Cup 2025) की मेजबानी कर रहा है.
'खिलाड़ियों के लिए ये सबक...', महिला क्रिकेटर्स के यौन उत्पीड़न पर कैलाश विजयवर्गीय ये क्या बोल गए?
Indore में दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर्स के साथ यौन उत्पीड़न मामले पर Kailash Vijayvargiya ने कहा कि खिलाड़ियों को इससे ‘सबक सीखना चाहिए’. और भी कई बातें बोले हैं कैलाश विजयवर्गीय.
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा चूक पर ध्यान देने के बजाय विजयवर्गीय ने कहा कि खिलाड़ियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वे अपनी जगह से निकलें तो स्थानीय प्रशासन को सूचित किया जाना चाहिए, क्योंकि (भारत में) क्रिकेटरों के प्रति बहुत ज्यादा दीवानगी है. उन्होंने कहा,
मैंने खुद भीड़ के कारण फुटबॉल खिलाड़ियों के कपड़े फटते देखे हैं. एक अंग्रेज फुटबॉल खिलाड़ी मेरे साथ एक होटल में रुका था, और अचानक बड़ी संख्या में फैन्स वहां आ पहुंचे. किसी ने उनका ऑटोग्राफ लिया, एक लड़की ने उन्हें चूमा और उनके कपड़े फट गए. खिलाड़ियों को अपनी लोकप्रियता का एहसास होना चाहिए. यह घटना सभी के लिए, हमारे लिए और खिलाड़ियों के लिए, एक सबक है.
उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की और कहा कि यह इंदौर और देश के लिए शर्मनाक है.
वर्ल्ड कप खेलने भारत आईं दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ इंदौर में यौन उत्पीड़न किया गया. यह घटना 23 अक्टूबर को उनके होटल के बाहर हुई. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. महिला खिलाड़ी अपने होटल के सामने एक कैफे में जा रही थीं. खजराना रोड इलाके में मोटर साइकिल पर सवार शख्स ने पहले उनका पीछा किया. इसके बाद उनमें से एक ने खिलाड़ी को गलत तरीके से छुआ और फिर भाग गया.
कांग्रेस ने साधा निशानामंत्री कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया है. कांग्रेस नेता ने कहा,
यह घटना उस देश में हुई है, जहां हम ‘अतिथि देवो भव’ के आदर्श वाक्य पर चलते हैं. मेहमानों की सुरक्षा करने में राज्य नाकाम रहा है. कैलाश जी की टिप्पणी एक परेशान करने वाली मानसिकता को दर्शाती है. महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बजाय, मंत्री जी पीड़ितों को ही दोषी ठहरा रहे हैं.
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पहले भी दे चुके हैं ‘विवादित’ बयानयह पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय ने महिलाओं और नैतिकता पर विवादित बयान दिया हो. कुछ महीने पहले भी उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर विवादित टिप्पणी की थी. इस साल सितंबर में उन्होंने कहा था,
हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं. अपनी बहनों के गांव में, हम पानी भी नहीं पीते. हमारे आज के विपक्षी नेता ऐसे हैं कि बीच चौराहे पर अपनी जवान बहनों को चूम लेते हैं. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आपमें से कौन अपनी जवान बहनों या बेटियों को सार्वजनिक रूप से चूमता है?"
उन्होंने आगे कहा, “यह मूल्यों की कमी है. ये विदेशी मूल्य हैं, जो विदेश में पले-बढ़े हैं. वे प्रधानमंत्री से भी बदतमीजी से बात करते हैं.”
जून में इंदौर के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “मुझे छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियां पसंद नहीं हैं. पश्चिम में औरत को कम कपड़े पहनने पर सुंदर माना जाता है, मैं इससे सहमत नहीं हूं.”
वीडियो: 'हजारों मुस्लिमों के बीच फंसा' कैलाश विजयवर्गीय ने अमित शाह से फोन पर क्या कहा?

















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