The Lallantop

'मेरे दो बच्चे थे, चले गए, आंगन में खेलने वाला कोई नहीं', झालावाड़ हादसे के बाद बिलखती मां का दर्द

Jhalawar School Collapse: बच्चों के शव सौंपने के दौरान माहौल बेहद गमगीन था. माताओं की चीखें, बच्चों से लिपटकर उनका बिलखना और कुछ परिजनों का गहरे सदमे में खामोशी के साथ चुप बैठे रहना, वहां मौजूद हर किसी के दिल को चीर रहा था.

Advertisement
post-main-image
झालावाड़ हादसे में मारे गए बच्चों के परिजन शोक में डूबे. (PTI)

शुक्रवार, 25 जुलाई को राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई. इस हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि घायलों की संख्या 28 है. इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं और पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. एक मां ने तो अपने दोनों बच्चों को ही इस हादसे में खो दिया.

Advertisement

मां का दर्द बयां करते हुए उसके शब्दों ने सबकी आंखें नम कर दीं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों बच्चों को खोने वाली मां विलाप करते हुए कहती हैं,

"मैंने सब कुछ खो दिया है... मेरे सिर्फ दो बच्चे थे, एक लड़का और एक लड़की, और दोनों ही चले गए. मेरा घर खाली है... आंगन में खेलने वाला कोई नहीं बचा. काश भगवान मुझे उठा लेते और मेरे बच्चों को बचा लेते."

Advertisement

मारे गए बच्चों में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 6 साल का था. मृत बच्चों की पहचान 12 साल की पायल, प्रियंका, कुंदन और कार्तिक, 8 साल के हरीश और 12 साल की मीना और उसके 6 साल के भाई कान्हा के रूप में हुई है, जो सातों बच्चों में सबसे छोटा था.

शनिवार, 26 जुलाई की सुबह सभी बच्चों के शव झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के शवगृह से उनके परिवारों को सौंपे गए. उस दौरान माहौल बेहद गमगीन था. माताओं की चीखें, बच्चों से लिपटकर उनका बिलखना और कुछ परिजनों का गहरे सदमे में खामोशी के साथ चुप बैठे रहना, वहां मौजूद हर किसी के दिल को चीर रहा था.

शवों को सौंपने के बाद अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पांच बच्चों का एक साथ और दो का अलग-अलग अंतिम संस्कार हुआ. इस हादसे ने गांव-देहात के स्कूलों की जर्जर इमारतों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. कई लोगों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस हादसे में अपने एक बच्चे को गंवाने वाली मां ने कहा,

Advertisement

"शिक्षक बच्चों को छोड़कर बाहर चले गए. वे बाहर क्या कर रहे थे."

घटना के बाद पांच स्कूल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हर एक मृतक बच्चे के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह ने शनिवार, 26 जुलाई को शोकाकुल परिवारों को सांत्वना दी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा,

"पांच स्कूल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और एक जांच समिति गठित की गई है. जरूरत पड़ने पर FIR दर्ज की जाएगी. अगर निलंबन के बाद निष्कासन की नौबत आई, तो ऐसा भी किया जाएगा."

अजय सिंह ने बताया कि अब किसी भी खराब हालत वाली स्कूल इमारत में छात्रों को जाने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें बिल्डिंग की स्थिति की जानकारी पहले मिलती तो हम मरम्मत करवा लेते और यह हादसा टल सकता था.

 

वीडियो: Jhalawar School Collapse: जर्जर भवन गिरने से 7 बच्चों की मौत, सरकारी स्कूल के कैसे हालात?

Advertisement