जदयू ने अपने सांसद गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने 23 जुलाई को बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेन्सिव रिविज़न (SIR) को ‘तुग़लकी फ़रमान’ करार दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बांका से जदयू सांसद और बिहार की सत्ताधारी पार्टी के नेता गिरधारी यादव ने संसद भवन के बाहर कहा था,
जेडीयू सांसद ने बिहार में जारी SIR का विरोध किया, पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया
गिरधारी यादव ने कहा था कि 'SIR जबरन हम पर थोपा गया है. यह चुनाव आयोग का तुगलकी फरमान है.'

“चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक जानकारी नहीं है. उन्हें न बिहार का इतिहास पता है, न भूगोल, उन्हें कुछ भी नहीं मालूम. मुझे सभी दस्तावेज़ जुटाने में 10 दिन लग गए. मेरा बेटा अमेरिका में रहता है, वो एक महीने में कैसे दस्तखत करेगा? यह (SIR) जबरन हम पर थोपा गया है. यह चुनाव आयोग का तुग़लकी फ़रमान है.”
24 जुलाई को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गिरधारी यादव ने यह भी कहा,
“लोग शिकायत कर रहे हैं कि इस SIR में दस्तावेज़ जुटाना कितना मुश्किल हो गया है. कई जगह अधिकारी रिश्वत मांग रहे हैं, मेरे क्षेत्र की जनता ने मुझे यह बताया है.”
इस पर जदयू ने उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान द्वारा जारी किए गए नोटिस में लिखा है,
“आप भलीभांति जानते हैं कि कुछ विपक्षी दल, जो अपने चुनावी प्रदर्शन से हताश हैं, चुनाव आयोग (ECI) को बदनाम करने का संगठित अभियान चला रहे हैं. खासकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के मुद्दे पर, ताकि संवैधानिक संस्थाओं पर जनता का भरोसा डगमगाया जा सके.
हमारी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), ने चुनाव आयोग और ईवीएम के प्रयोग का हमेशा समर्थन किया है. चाहे वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के दौरान हो या अब एनडीए का हिस्सा बनकर. ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर, खासकर चुनावी साल में, आपके सार्वजनिक बयान न केवल पार्टी को शर्मिंदा किया है, बल्कि विपक्ष के निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों को भी परोक्ष रूप से वैधता दे दी हैं. जदयू आपके इस आचरण को अनुशासनहीनता मानती है और यह पार्टी की घोषित नीति के अनुरूप नहीं है. अतः आपसे अपेक्षा की जाती है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करें, अन्यथा आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है."
गिरधारी यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यह उनका “व्यक्तिगत विचार” है और इससे “पार्टी क्या कहती है, उसका कोई मतलब नहीं है.”
वीडियो: संसद में आज: बिहार में जारी SIR के मुद्दे पर विपक्ष के प्रदर्शन में कौन शामिल हुआ?