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'क्या छिपा रही हैं सोनिया गांधी?', सरकार ने वापस मांगे जवाहरलाल नेहरू से जुड़े 'प्राइवेट' पेपर्स

Nehru Papers Row: केंद्र सरकार का कहना है कि कई बार याद दिलाने के बावजूद ये पेपर्स वापस क्यों नहीं किए गए हैं. देश को इस बारे में साफ-साफ जानने का हक है. Sonia Gandhi इन कागजात को वापस न देने के लिए बहाने बना रही हैं. पूछा कि देश से आखिर क्या छिपाया जा रहा है.

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सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय ने सोनिया गांधी से कागजात वापस मांगे हैं. (Photo: ITG/File)

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा कोई लेटर या कागजात गायब नहीं है. केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है. सरकार का कहना है कि जवाहरलाल नेहरू के कई प्राइवेट और पारिवारिक लेटर सोनिया गांधी के पास है. सरकार ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से यह लेटर वापस भी मांगा है.

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सरकार ने विपक्ष के उन दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) से जवाहरलाल नेहरू से जुड़े लेटर गायब होने की बात कही जा रही थी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर सरकार से माफी की मांग भी की थी. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बुधवार, 17 दिसंबर को इस पूरे मामले पर जवाब दिया. मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि 29 अगस्त 2008 को सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एम वी राजन ने केंद्र से पूर्व PM जवाहर लाल नेहरू के सभी प्राइवेट पारिवारिक लेटर और नोट्स वापस लेने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी यह लेटर और नोट्स वापस चाहती हैं.

सरकार ने वापस कर दिए थे कागजात

इसके बाद मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने 2008 में नेहरू से जुड़े कागजातों के 51 कार्टन सोनिया गांधी को वापस कर दिए थे. अब PMML इन कागजातों को वापस लेने के लिए सोनिया गांधी के ऑफिस के साथ लगातार संपर्क में है. PMML की ओर से सोनिया गांधी को इसे लेकर 28 जनवरी 2025 और 3 जुलाई 2025 को लेटर भी लिखे गए हैं. मंत्रालय ने आगे कहा कि इसलिए, नेहरू से जुड़े कागजात PMML से "लापता" नहीं हैं, क्योंकि वे कहां हैं, यह पता है.

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संस्कृति मंत्रालय ने साफ किया कि ये दस्तावेज, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े हैं, देश की दस्तावेज़ी विरासत का हिस्सा हैं, न कि कोई निजी संपत्ति. कहा कि PMML के पास इनकी कस्टडी और नागरिकों और विद्वानों को रिसर्च के लिए इन तक पहुंच बहुत जरूरी है. वहीं इसके बाद केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कहा कि नेहरू से जुड़े कागजात PMML से "लापता" नहीं हैं. उन्होंने कहा कि "लापता" का मतलब है कि वे कहां हैं, इसका पता नहीं है, लेकिन उन कागजातों का पता है. इसलिए, वे "लापता नहीं" हैं.

'क्या छिपाया जा रहा है?'

गजेंद्र सिंह शेखावत ने सवाल किया कि PMML की ओर से कई बार याद दिलाने के बावजूद ये पेपर्स वापस क्यों नहीं किए गए हैं. देश को इस बारे में साफ-साफ जानने का हक है. उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी इन कागजात को वापस न देने के लिए बहाने बना रही हैं. पूछा कि देश से आखिर क्या छिपाया जा रहा है. उन्होंने कहा,

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मैं सोनिया गांधी जी से सम्मानपूर्वक पूछना चाहता हूं कि वे देश को समझाएं, क्या छिपाया जा रहा है? श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा इन पेपर्स को वापस न करने के जो बहाने दिए जा रहे हैं, वे सही नहीं हैं. बात यह है कि महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज़ अभी भी पब्लिक आर्काइव से बाहर क्यों हैं? ये निजी पारिवारिक पेपर्स नहीं हैं. ये भारत के पहले प्रधानमंत्री से संबंधित हैं और हमारे राष्ट्रीय ऐतिहासिक रिकॉर्ड का हिस्सा हैं. ऐसे पेपर्स पब्लिक आर्काइव में होने चाहिए, न कि बंद दरवाजों के पीछे.

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गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ, हमसे कहा जा रहा है कि उस दौर की गलतियों पर बहस न करें. दूसरी तरफ, ऐसा सोर्स, जिस पर बहस हो सकती है, उसे आम लोगों से दूर रखा गया है. इस विरोधाभास को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. यह कोई साधारण मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि इतिहास को चुनिंदा तरीके से नहीं दिखाया जा सकता.

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