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दिल्ली ब्लास्ट केस में पकड़े गए बेटे से मिलने नहीं दिया, कुलगाम में पिता ने उठाया खौफ़नाक कदम

Delhi Red Fort Blast में 13 लोगों की जान चली गई. इसके बाद, Jammu Kashmir Police ने कश्मीर में 600 से ज्यादा स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया. इनमें बिलाल अहमद वानी का बेटा भी शामिल था.

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर में 600 से ज्यादा स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया. (सांकेतिक फोटो: आजतक)

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक व्यक्ति ने खुद को आग लगा ली. पीड़ित की पहचान बिलाल अहमद वानी के तौर पर हुई है, जो ड्राई फ्रूट्स बेचने का काम करते हैं. आरोप है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिए गए उनके बेटे से मिलने नहीं दिया. अधिकारियों ने बताया कि बिलाल गंभीर रूप से झुलस गए और उन्हें अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों का कहना है कि इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हो रहा है.

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‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 नवंबर कोल्ली नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में 13 लोगों की जान चली गई. इसके बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर में 600 से ज्यादा स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया. बताया जा रहा है कि इनमें बिलाल अहमद वानी का बेटा भी शामिल था.

बिलाल और उनके दो बेटे, अदील राठेर नाम के एक मेडिकल डॉक्टर के घर के पास रहते हैं. 6 नवंबर को डॉ. अदील को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कथित अंतर-राज्यीय आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में उनके लॉकर से एक राइफल भी बरामद की है, जहां वह 24 अक्टूबर तक काम करते थे.

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डॉ. अदील राठेर के भाई डॉ. मुजफ्फर राठेर भी इस मामले में आरोपी हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि डॉ. मुजफ्फर इस साल की शुरुआत में भारत छोड़कर दुबई चले गए थे. 

महबूबा मुफ्ती ने लगाए गंभीर आरोप

रविवार, 16 नवंबर को बिलाल ने आग लगाकर खुद की जान लेने की कोशिश की. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर बिलाल अहमद वानी की एक तस्वीर पोस्ट की. मुफ़्ती ने लिखा, 

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एक दुखी पिता बिलाल वानी ने अपने बेटे जसीर बिलाल और भाई नवीद वानी को कुछ दिन पहले पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद खुद को आग लगा ली.

Jammu Kashmir
(फोटो: X/@MehboobaMufti)

उन्होंने कहा कि बिलाल ने अधिकारियों से अपने बेटे को देखने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आगे लिखा,

उसे श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल में रेफर कर दिया गया है और उसकी हालत गंभीर है. इस हद तक की मनमानी, जख्मों को और गहरा करती है और निराशा पैदा करती है. 

महबूबा मुफ्ती ने पुलिस से अपील की है बिलाल को हिरासत में लिए गए सदस्यों से मिलने दिया जाए. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: दिल्ली ब्लास्ट की पूरी कहानी, अल फलाह यूनिवर्सिटी के कमरे में क्या हुआ?

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