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ईरान में मैराथन हुई, कुछ महिलाएं हिजाब नहीं पहने थीं, फोटो देखते ही कोर्ट ने आयोजकों को जेल भेजा

Iran Marathon: ईरान में अधिकारियों ने एक मैराथन के आयोजकों को गिरफ्तार किया है. वजह है कि मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने वाली महिलाओं की तस्वीरें बाहर आई थीं, जिनमें उनके सिर पर हिजाब नहीं था. ये कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो- इंडिया टुडे)

ईरान में एक मैराथन के आयोजन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. शनिवार, 6 दिसंबर को ईरानी न्यायपालिका ने उन आयोजकों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिन्होंने इस मैराथन में बिना हिजाब महिलाओं को भाग लेने की अनुमति दी थी. यह कदम तब उठाया गया जब सोशल मीडिया पर ऐसे कई फोटो सामने आए जिनमें महिलाएं बिना सिर ढके दौड़ती दिखाई दे रही थीं.

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2000 महिलाओं ने लिया था हिस्सा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मैराथन ईरान के साउथ कोस्ट के पास मौजूद किश द्वीप पर शुक्रवार 5 दिसंबर को आयोजित की गई थी. इसमें करीब 2,000 महिलाएं और 3,000 पुरुषों ने हिस्सा लिया. लेकिन दोनों कैटिगरी की दौड़ अलग-अलग करवाई गई थी. महिलाओं ने लाल रंग की टी-शर्ट पहनी थी, लेकिन उनमें से कुछ के सिर पर हिजाब या कोई दूसरा कवर नहीं था.

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ईरान की न्यायपालिका की वेबसाइट मिजान ऑनलाइन के मुताबिक, दो मुख्य आयोजकों को वॉरंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक किश फ्री जोन के अधिकारी हैं. वहीं, दूसरा एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. वहीं, इस घटना पर ईरान में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं. ऐसे लोग जो ईरान में महिलाओं के पहनावे पर लगे प्रतिबंधों में बदलाव चाहते हैं, इन तस्वीरों को ईरानी महिलाओं के साहस और विरोध का प्रतीक बता रहे हैं. 

उनका कहना है कि महिलाएं अब उन नियमों को चुनौती दे रही हैं, जो उनके पहनावे पर कड़ी पाबंदी लगाते हैं. दूसरी ओर, अधिकारियों ने इसे “स्थिति को चुनौती देने वाली अस्वीकार्य हरकत” बताया है. वहीं, किश द्वीप के लोकल अभियोजक ने कहा कि जिस तरह से मैराथन आयोजित की गई, वह सार्वजनिक शालीनता का उल्लंघन है. 

उन्होंने कहा कि आयोजकों को पहले भी आगाह किया गया था कि कार्यक्रम देश के वर्तमान कानूनों, धार्मिक मानकों और सामाजिक परंपराओं के मुताबिक होना चाहिए. लेकिन फिर भी नियमों को ताक पर रखा गया.

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ड्रेस पर विवाद पहले भी

ईरान में महिलाओं के पहनावे को लेकर हुए विवाद की यह कोई नई घटना नहीं है. तीन साल पहले देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जब 22 वर्षीय कुर्द-ईरानी महिला महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. उन्हें कथित तौर पर ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़ा गया था. उनकी मौत के बाद देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए. लेकिन उन्हें दबा दिया गया. इसके बावजूद कई महिलाएं अब भी ड्रेस कोड का विरोध करती दिखाई देती हैं.

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