इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने कर्नाटक में चल रहे जाति जनगणना में हिस्सा लेने से मना कर दिया है (Narayana Murthy wife Sudha Murty opt out of Karnataka caste survey). 10 अक्टूबर को जब सर्वे की टीम उनके जयनगर वाले घर पहुंची तो दंपति ने इसमें हिस्सा लेने से साफ इनकार कर दिया. ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (GBA) के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों ने कारण बताते हुए एक लेटर जमा किया है.
नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति ने कास्ट सर्वे में शामिल होने से मना कर दिया, वजह क्या बताई?
10 अक्टूबर को जब सर्वे की टीम नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के जयनगर वाले घर पहुंची तो दंपति ने सर्वे में हिस्सा लेने से साफ इनकार कर दिया.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति ने लेटर में लिखा,
"हम पिछड़े वर्ग से नहीं हैं. हम आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा के मामले में आगे हैं. इसलिए सरकार या पिछड़े वर्ग को हमारी जानकारी से कोई फायदा नहीं होगा. इस सर्वे का मकसद पिछड़े लोगों को चिह्नित कर सुविधाएं देना है. ऐसे में हमारा न हिस्सा लेना सही है."
बुधवार, 15 अक्टूबर को कर्नाटक के डिप्टी सीएम और बेंगलुरु डेवलपमेंट मिनिस्टर डीके शिवकुमार ने कहा था कि सर्वे में हिस्सा लेना वैकल्पिक है. ये अनिवार्य नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से कहा,
सर्वे में 60 सवाल"यह सबका निजी मामला है. हम किसी को इसके लिए मजबूर नहीं कर सकते. ये उनकी अपनी पसंद है."
बता दें कि कर्नाटक जाति सर्वे पूरे राज्य में चल रहा है. इसमें 60 मुख्य सवाल हैं. और 20 अन्य सवाल इन सवालों का हिस्सा हैं. ये सर्वे स्टेट कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस ने बनाया है. रिपोर्ट के अनुसार 15 अक्टूबर तक बेंगलुरु के 5 सिटी कॉर्पोरेशंस में 15 लाख 42 हजार 997 घरों का सर्वे हो चुका है.
GBA के चीफ कमिश्नर महेश्वर एम राव ने बताया कि गुरुवार, 16 अक्टूबर की शाम को स्पेशल ड्राइव होगी. सर्वे वाले शाम 6 से 9 बजे घर-घर जाएंगे. उन्होंने कहा,
"ये उन लोगों को कवर करने के लिए है जो दिन में उपलब्ध नहीं होते."
सर्वे को लेकर हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक टिप्पणी की थी. 25 सितंबर को अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की याचिका पर कोर्ट ने कहा था,
"कोई भी व्यक्ति जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं. सर्वे में हिस्सा पूरी तरह स्वैच्छिक है. अगर कोई मना करे, तो सर्वे वाले दबाव नहीं डालेंगे."
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा था कि कमीशन को पब्लिक नोटिस जारी करना होगा कि हिस्सा लेना आपकी इच्छा पर है.
वीडियो: पहले 70 घंटे काम की वकालत, अब कर्मचारियों के लिए क्या बोले Narayana Murthy?