कर्नाटक सरकार ने सरकारी स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों की जांच के लिए नए नियम लाने का फैसला किया है. ये कदम राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे की तरफ से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे लेटर के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि सरकारी संपत्तियों पर RSS की गतिविधियों की अनुमति न दी जाए.
RSS के खिलाफ कौन सा बिल ला रही है कर्नाटक सरकार?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे की सलाह पर RSS के खिलाफ कानून ला रही है कि कर्नाटक सरकार.


द हिंदू की खबर के मुताबिक, कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने 16 अक्टूबर, को इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ‘RSS जैसे संगठनों द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों पर अतिक्रमण’ को रोकने के लिए एक आदेश जारी करने का फैसला किया गया है. वहीं, कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी (IT-BT) मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा,
हम जो नियम लाना चाहते हैं, वो सार्वजनिक जगहों, सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी परिसरों, सरकारी संस्थानों और सहायता प्राप्त संस्थानों से संबंधित हैं. हम गृह विभाग, विधि विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा जारी पिछले आदेशों को एक साथ लाकर एक नया नियम बनाएंगे. अगले दो-तीन दिनों में, कानून और संविधान के दायरे में नया नियम लागू हो जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने आगे कहा,
हम किसी भी संगठन को नियंत्रित नहीं कर सकते. लेकिन अब से आप सार्वजनिक जगहों या सड़कों पर अपनी मनमर्जी नहीं कर सकते. आपको जो भी करना है, सरकार की अनुमति लेकर ही करना होगा.
प्रियांक खरगे ने कहा कि ये सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वो ऐसी गतिविधियों को अनुमति दे या नहीं. मंजूरी देने के लिए कुछ मानदंडों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,
आप सिर्फ अधिकारियों को सूचना देकर सड़क पर लाठी लहराते हुए नहीं चल सकते या पथ संचलन नहीं निकाल सकते. ये सभी चीजें हमारे द्वारा लागू किए जाने वाले नियमों का हिस्सा होंगी.
ऐसी ही मांग करते हुए 12 अक्टूबर, 2025 को प्रियांक ने मुख्यमंत्री को लेटर लिखा था. तब उनकी मांग का BJP ने कड़ा विरोध किया था. वहीं, प्रियांक ने आरोप लगाया कि इसके बाद से उन्हें और उनके परिवार को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है. उन्हें गंदी-गंदी गालियां देते हुए फोन किए जा रहे हैं. प्रियांक ने कहा, ‘जब RSS ने महात्मा गांधी या बाबासाहेब आंबेडकर को नहीं बख्शा, तो मुझे क्यों बख्शेंगे?’
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