हवाई यात्रियों को हो रही परेशानी के बीच केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो को सख्त चेतावनी दी है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि इंडिगो सभी यात्रियों का रिफंड बिना देरी के पूरा करे. मंत्रालय ने कहा है कि 7 दिसंबर 2025 को शाम 8 बजे तक सभी रिफंड पूरा करना जरूरी है. मंत्रालय ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो एयरलाइन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
IndiGo को सरकार ने दी डेडलाइन, 'कल तक टिकट का पैसा वापस करो, नहीं तो एक्शन होगा'
MoCA ने IndiGo से हवाई यात्रियों के लिए सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन यूनिट बनाने का आदेश दिया है. हालात सामान्य होने तक ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम काम करता रहेगा.


मंत्रालय ने अपने बयान में साफ किया कि जिन यात्रियों की उड़ान रद्द हुई या जिनकी यात्रा में कोई परेशानी आई, उनसे अब कोई रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसका मतलब है कि अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हुई है या प्रभावित हुई है, तो आपको दूसरी तारीख के लिए फ्लाइट रीशेड्यूल करने का कोई चार्ज नहीं देना होगा. इंडिगो के संकट के बीच दूसरी एयरलाइंस यात्रियों से बहुत महंगा चार्ज वसूलने की खबर आईं. इस भी सरकार ने नकेल कसी है और 'फेयर कैपिंग' लागू कर दी है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु ने X पर लिखा,
"नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को यात्रियों के सभी पेंडिंग रिफंड बिना किसी देरी के जारी करने का निर्देश दिया है और यह अनिवार्य किया है कि सभी रद्द या बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया रविवार, 7 दिसंबर 2025 को रात 8 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए.
मंत्रालय ने इंडिगो को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कैंसिलेशन या देरी के कारण यात्रियों से अलग हुए सभी सामान का पता लगाया जाए और अगले 48 घंटों के अंदर यात्री के घर या चुने हुए पते पर पहुंचा दिया जाए."
यात्रियों की मदद के लिए हेल्पलाइन
सरकार ने यात्रियों की शिकायतों को जल्दी और सही तरीके से हल करने के लिए इंडिगो को खास सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन यूनिट बनाने का निर्देश दिया है. इस यूनिट का प्रभावित यात्रियों से संपर्क करना और उनका रिफंड या रीशेड्यूल प्रोसेस को जल्दी से पूरा करना होगा. जब तक सब कुछ सामान्य नहीं हो जाता, ऑटोमैटिक रिफंड का सिस्टम काम करता रहेगा.
बैगों की सही ट्रैकिंग
सरकार ने इंडिगो से यह भी कहा है कि जिन यात्रियों का बैगेज(बैग/सूटकेस आदि) फ्लाइट कैंसल होने या देरी की वजह से उनके पास नहीं पहुंच पाया, उसे 48 घंटे के अंदर सही जगह पर पहुंचाया जाए. ये बैगेज या तो सीधे यात्रियों के पते या फिर उनके बताए पते पर पहुंचाया जाए.
एयरलाइंस से यात्रियों को बैगेज के बारे में ट्रैकिंग और डिलीवरी समेत पूरी जानकारी देने के लिए कहा गया है. अगर यात्री के बैगेज को कोई भी नुकसान होता है, तो मौजूदा नियमों के हिसाब से एयरलाइंस को यात्रियों को मुआवजा भी देना होगा.
यात्रियों की परेशानी दूर करने की कोशिश
सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस समय किसी भी यात्री को कोई दिक्कत ना हो. खासकर, वरिष्ठ नागरिक, विकलांग, छात्र और ऐसे यात्रियों को पूरी सुविधा देने के लिए कहा गया है, जिन्हें इमरजेंसी में यात्रा करनी है.
मंत्रालय ने एयरलाइंस और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि यात्रियों के अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित रहें. अब देखना होगा कि सरकार के ताजा दिशा-निर्देश जमीन पर कैसा असर दिखाते हैं, और क्या हवाई यात्रियों को हो रही बेहिसाब परेशानी दूरी होगी या नहीं.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: इंडिगो में कैसे बना इतना बड़ा संकट? पूरी कहानी पता चली












.webp)


.webp)




