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जंग की धमकियों के बीच पाकिस्तान से लौटे भारतीय डिप्लोमैट्स

Pahalgam Attack: इंडिया और पाकिस्तान के बीच डिप्लोमैट्स की संख्या कम करने की कवायद चल रही है. इसके तहत बुधवार, 30 अप्रैल को भारत के 3 डिप्लोमैट्स समेत हाई कमीशन के कुल 22 लोग वाघा-अटारी बॉर्डर पार करके भारत वापस लौट आए.

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वाघा-अटारी बॉर्डर से वापस आया इंडियन एंबेसी स्टाफ. (PTI)

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव है. दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां डिप्लोमैट्स की संख्या कम करने के लिए कहा है. इसके तहत तीन इंडियन डिप्लोमैट्स समेत हाई कमीशन के कुल 22 लोग पाकिस्तान से वापस आ गए हैं. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बुधवार, 30 अप्रैल को वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए इंडियन डिप्लोमैट्स और स्टाफ की वापसी हुई है. इन सभी की तैनाती इस्लामाद स्थित इंडियन हाई कमीशन में थी.

भारतीय डिप्लोमैट्स की वापसी इंडियन डिप्लोमेट राहुल कुमार राकेश की देखरेख में दो फेज में हो रही है. पहले 23 अप्रैल को सरकार ने पाकिस्तान से भारत में कार्यरत उसके डिप्लोमैट्स की संख्या घटाकर 30 तक करने के लिए कहा. बदले में पाकिस्तान ने भी भारतीय डिप्लोमेट्स की संख्या 30 तक करने का आदेश दिया.

पहले फेज में 1 भारतीय डिप्लोमैट और 8 स्टाफ मेंबर और 2 फैमिली के मेंबर भारत लौटे थे. इन्होंने मंगलवार को वाघा बॉर्डर क्रॉस किया था. दूसरे फेज में 2 और डिप्लोमैट्स जोड़े गए. इनके अलावा 11 स्टाफ मेंबर और अलग से 2 फैमिली मेंबर शामिल हैं. ये सभी बुधवार सुबह भारत की सीमा में दाखिल हुए.

यह सारी कवायद ऐसे मौके पर हो रही है जब दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं. भारत की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ जल्द मिल्ट्री एक्शन की उम्मीद जताई जा रही है.

दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ. इसमें 26 लोगों की मौत हो गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थिक आतंकियों के शामिल होने की आशंका जताई गई. इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिसमें पाकिस्तान के हाई कमीशन के स्टाफ की संख्या 30 तक करना शामिल है. इसके अलावा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रोकना और पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा रद्द करने जैसे बडे़ कदम उठाए गए.

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