भारत सरकार के सूत्रों ने अमेरिका से होने वाली डिफेंस डील रोकने के दावे को ‘गलत’ बताया है. अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भारत सरकार के तीन अधिकारियों के हवाले से ये दावा किया था. हालांकि रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इस खबर को ‘झूठा’ करार दिया है. वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
भारत ने अमेरिका से डिफेंस डील रोक दी? सरकार के सूत्र ने कहा- 'ये झूठ है'
रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने रॉयटर्स की रिपोर्ट को ‘झूठा और काल्पनिक’ करार दिया है. अधिकारी ने साफ किया कि अमेरिका से डिफेंस डील को रद्द करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है और इस पर ‘यथास्थिति’ बनी हुई है. यानी डील जिस स्टेज पर थी उसी पर स्थिर है.
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रॉयटर्स के मुताबिक, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रक्षा खरीद पर रोक का कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है. रिपोर्ट में इसका मतलब ये निकाला गया कि भारत चाहे तो जल्दी फैसला बदल सकता है, लेकिन अभी इस पर आगे की कोई प्रोग्रेस नहीं है. इसके अलावा ये भी कहा गया कि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिकी दौरा भी ‘रद्द’ कर दिया गया है. वह अगले कुछ हफ्तों में वॉशिंगटन जाने वाले थे, ताकि हथियारों की कुछ खरीद के एलान किए जा सकें. एजेंसी के मुताबिक
लेकिन रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इन दावों को गलत बताया है. इंडिया टुडे से जुड़ीं शिवानी शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने रॉयटर्स की रिपोर्ट को ‘झूठा और काल्पनिक’ करार दिया है. अधिकारी ने साफ किया कि अमेरिका से डिफेंस डील को रद्द करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है और इस पर ‘यथास्थिति’ बनी हुई है. यानी डील जिस स्टेज पर थी उसी पर स्थिर है.
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते इन दिनों सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के अमेरिका के दावे को पीएम मोदी ने संसद में खारिज कर दिया था. इसके बाद ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. ट्रंप ने कहा था कि भारत रूस से हथियार खरीद रहा है और परोक्ष तौर पर यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस का साथ दे रहा है.
भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने हितों को ध्यान में रखकर ही फैसले लेगा. उसने साफ संकेत दिया कि वो रूस से हथियार खरीदना बंद नहीं करेगा. भारत ने कहा कि उसे बेवजह निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय देश भी अपने फायदे के लिए रूस के साथ व्यापार करते हैं.
इस पर भड़के ट्रंप ने बीते दिनों भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया. नए टैरिफ लागू होने के बाद भारत के सामानों पर अमेरिका में कुल 50 फीसदी का आयात शुल्क लगेगा.
इस फैसले के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्तों में कड़वाहट चरम पर है.
रॉयटर्स के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच स्ट्राइकर कॉम्बैट वीईकल और जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल की खरीद पर बातचीत टैरिफ की वजह से रोक दी गई है. इसी साल फरवरी में डॉनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन हथियारों की खरीद और संयुक्त उत्पादन की योजना का एलान किया था. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना के लिए 6 बोइंग, P8I निगरानी विमान और सपोर्ट सिस्टम खरीदने का एलान करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे. अब दावा किया गया है कि ये दौरा रद्द कर दिया गया है.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश है और परंपरागत रूप से रूस इसका सबसे बड़ा सप्लायर रहा है. हालांकि, हाल के वर्षों में भारत ने फ्रांस, इजराइल और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों से भी हथियार खरीदना शुरू किया है.
वीडियो: ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत के पास क्या विकल्प हैं?