मध्यप्रदेश की एक और IAS अधिकारी मीनाक्षी सिंह ने जातिवाद को लेकर सार्वजनिक टिप्पणी कर दी है. उन्होंने कहा है कि जातिवादी सोच ‘मौजूदा वक्त की जरूरत’ है, क्योंकि 'सवर्ण समाज जाति देखकर पक्षपात' करता है. मीनाक्षी सिंह से पहले मध्यप्रदेश के ही IAS संतोष वर्मा ने जातिवाद के मुद्दे पर बयान देकर हंगामा मचा दिया था. बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया.
'सवर्ण सरनेम देखकर पक्षपात करते हैं, हमें भी...', एक और IAS मीनाक्षी सिंह का बयान वायरल
IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. उन्होंने ये बयान 23 नवंबर को भोपाल के आंबेडकर पार्क में आयोजित ‘अजाक्स’ (मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के सम्मेलन में दिया था.
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अब IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ये बयान 23 नवंबर को भोपाल के आंबेडकर पार्क में आयोजित ‘अजाक्स’ (मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के सम्मेलन में दिया गया. संतोष वर्मा ने भी इसी सम्मेलन में बयान दिया था.
कार्यक्रम में पहुंचीं मीनाक्षी सिंह ने मंच से कहा,
"आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है. सवर्ण समाज सरनेम देखकर पक्षपात करता है, इसलिए हमें भी यही मानसिकता अपनानी होगी. अपने समाज के लोगों को पहचानिए और उनकी मदद कीजिए."
IAS अधिकारी ने आगे कहा कि अजाक्स को केवल संगठन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पूरे समाज तक पहुंचना चाहिए. वो बोलीं,
“समाज को जोड़ने की पहली कड़ी परिवार है. बच्चों को सिखाना जरूरी है कि वे आदिवासी या अनुसूचित जाति से हैं और उनकी जाति क्या है. आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है.”
अधिकारी ने आगे कहा कि कई लोग बड़े अधिकारियों से मिलने में झिझकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. भोपाल आएं तो बेझिझक मिलें, समस्याएं साझा करें. संवाद से ही समाज मजबूत बनेगा.
IAS संतोष वर्मा भी विवादों में घिरे थेकुछ दिन पहले इसी अजाक्स सम्मेलन में IAS संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था,
“आरक्षण तब तक मिलना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर देता. या उससे कोई संबंध नहीं बनाता.”
इस बयान के बाद उनके खिलाफ काफी विरोध हुआ. सरकार ने संतोष वर्मा को कृषि विभाग से हटाकर मंत्रालय अटैच कर दिया था. बाद में उनके निलंबन की खबर आई.
अब IAS मीनाक्षी सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है. कई लोग इसे 'जातिवाद को बढ़ावा' देने वाला बता रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे सामाजिक संगठन की जरूरत करार दिया है.
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