The Lallantop

सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे का कपल ने करा लिया DNA टेस्ट, रिपोर्ट आई तो होश उड़ गए

हैदाराबाद में पुलिस ने अवैध सरोगेसी से जुड़े एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. ये गिरोह नि:संतान दंपतियों को सरोगेसी के जरिए बच्चे पैदा करने का झांसा देता था.

Advertisement
post-main-image
हैदराबाद में सरोगेसी की आड़ में 'नवजात की तस्करी' चल रही थी (सांकेतिक फोटो: आजतक)
author-image
अब्दुल बशीर

हैदाराबाद में पुलिस ने अवैध सरोगेसी से जुड़े एक रैकेट (Illegal Surrogacy Scam) का भंडाफोड़ किया है. ये गिरोह नि:संतान दंपतियों को सरोगेसी के जरिए बच्चे पैदा करने का झांसा देता था. बाद में किसी गरीब महिला के नवजात बच्चे को खरीदकर कपल को सौंप दिया जाता था. ऐसे ही एक केस में कपल ने बच्चे का DNA टेस्ट करा लिया और मामला खुल गया.

Advertisement
पूरा मामला क्या है?

आजतक से जुड़े अब्दुल बशीर की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. अथलुरी नम्रता यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की मालकिन हैं. उनके पास एक ऐसा कपल पहुंचा, जिसे बच्चे नहीं थे. डॉ. नम्रता ने कपल से कहा कि वे अपने स्पर्म और एग देकर सरोगेसी के जरिए अपना बच्चा पैदा कर सकते हैं. इसके लिए कपल से करीब 30 लाख रुपये वसूले गए. कपल की सहमति के बाद प्रोसेस पूरा किया गया और बाद में कपल को एक नवजात बच्चा सौंप दिया गया.

कपल ने जब नवजात के DNA की जांच कराने की मांग की तो डॉक्टरों ने मना कर दिया. कपल का शक बढ़ता गया और एक दिन उन्होंने एक दूसरे क्लिनिक से DNA टेस्ट करा लिया. रिपोर्ट आई तो कपल हैरान रह गया. सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे का कपल से कोई आनुवंशिक या जैविक संबंध नहीं था जबकि उन्होंने तो स्पर्म और एग दोनों दिया था. कपल को जब महसूस हुआ कि उनके साथ छल हुआ है तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

Advertisement
पर्दे के पीछे गंदा खेल!

पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी तो पता चला कि ये सब कुछ सुनियोजित था. नि:संतान दंपति को जैविक बच्चे पैदा कराने का झांसा दिया जाता था लेकिन असलियत में पर्दे के पीछे दूसरा ही गेम होता था. जो महिलाएं आर्थिक या सामाजिक तौर पर कमजोर पर होती थीं, उन्हें कुछ पैसे देकर प्रेग्नेंसी जारी रखने के लिए कहा जाता था और फिर उनके नवजात बच्चों को लेकर कपल को सौंप दिया जाता था.

ये भी पढ़ें: शादी बिना सरोगेसी से मां बनने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘साइंस ने बहुत तरक्की की, लेकिन...’

ये रैकेट तेलंगाना से लेकर आंध्र-प्रदेश तक फैला हुआ था. आरोपियों के खिलाफ पहले भी हैदराबाद, विशाखापत्तनम और गुंटूर में 10 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं. पुलिस जांच में सामने आया कि चिकित्सा विभाग ने इन फर्टिलिटी सेंटर्स के लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिए थे लेकिन आरोपी अपनी अवैध गतिविधियों को जारी रखे हुए थे. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Advertisement

वीडियो: शादी बिना सरोगेसी से मां बनने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया है?

Advertisement